अपने ‘घर’ गया बाघ: दो साल पहले नाले किनारे मिला था छह महीने का बाघ, अब ढाई साल बाद नेशनल पार्क प्रबंधन ने जंगल में छोड़ा

अपने ‘घर’ गया बाघ: दो साल पहले नाले किनारे मिला था छह महीने का बाघ, अब ढाई साल बाद नेशनल पार्क प्रबंधन ने जंगल में छोड़ा


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  • Two Months Ago, A Six month old Tiger Was Found On The Banks Of The Drain, Now After Two And A Half Years The National Park Management Left It In The Forest

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मंडला3 मिनट पहले

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बाघ को जंगल में छोड़े जाने से पहले ट्रैकिंग के लिए सैटेलाइट कॉलर और वीएचएफ ट्रांसमिशन मशीन लगाई गई।

  • ट्रैकिंग के लिए सैटेलाइट कॉलर और वीएचएफ ट्रांसमिशन मशीन भी लगाई

दो साल पहले नाले में मिले छह महीने के बाघ को रविवार को अपने घर यानि जंगल में छोड़ दिया गया। करीब ढाई साल के इस बाघ को कान्हा टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने पालन-पोषण किया था। 2018 में कान्हा टाइगर रिजर्व के प्रबंधन को नाले के किनारे बाघ का छह महिने का शावक मिला था। इस अनाथ शावक को प्रबंधन द्वारा उपचार कराकर न केवल जीवनदान दिया, बल्कि उसका पालन पोषण कर ढाई वर्षों के बाद उसे बाढ़े से निकालकर शनिवार को खुले जंगल में छोड़ दिया गया। प्रक्रिया में बाघ को पहले बेहोश कर उसके गले में सैटेलाइट कॉलर और वीएचएफ ट्रांसमिशन मशीन लगाई गई, जिसके जरिए पार्क प्रबंधन की टीम बाघ को जंगल में ट्रैक कर उसकी गतिविधि पर नजर रख सके।

कान्हा टाइगर रिजर्व प्रबंधन में बाघ।

कान्हा टाइगर रिजर्व प्रबंधन में बाघ।

विशेषज्ञों के अनुसार खुले जंगल में इस बाघ को स्वयं स्थापित होना बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि इंसानों के बीच बिना मां की देखभाल में बड़े हुए बाघ को जंगल की बारीकियों और शिकार के गुर से पूरी तरह परिचय नहीं हो सका होगा। हालांकि पार्क प्रबंधन ने अपनी ओर से शावक को शिकार के लिए तैयार किया है। साथ ही, उन्होंने उसे अपनी ओर से हर वो बात सिखाई है, जो उसे खुले जंगल में जाने के दौरान काम आ सकती है। फिर भी बाघ को खुद को जंगल के अनुरूप ढालने के साथ-साथ दूसरे बाघों का भी सामना करना पड़ेगा।
निगरानी के लिए बनाई 3 टीम
पार्क प्रबंधन ने बताया कि वीएचएफ सिग्नल के माध्यम से उसकी लोकेशन की जानकारी मिलती रहती है। हमने बाघ की निगरानी के लिए 3 टीम बनाई है जो 8-8 घंटे के अंतराल में काम करेंगी।



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