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- If The Transport Minister Gives Time To Meet On The 12th, Then The Buses Will Be Parked Otherwise
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उज्जैन4 मिनट पहले
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गोविंद सिंह राजपूत (फाइल फोटो)
- डीजल की कीमत 85 रुपए से ज्यादा हो गई
डीजल की कीमत बढ़कर प्रति लीटर 85 रुपए से अधिक हो गई है। ऐसे में बस संचालक सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि वे बसों का संचालन करें या नहीं। क्योंकि शासन द्वारा तय तीन साल पुराने किराए के हिसाब से अब उन्हें ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
ऐसे में मप्र बस ऑनर्स एसोसिएशन से जुड़े बस संचालकों ने चेतावनी दी है कि वे 12 फरवरी को परिवहन मंत्री से किराया वृद्धि के संबंध में चर्चा के लिए वक्त मांगेंगे, यदि समय मिलता है तो ठीक अन्यथा बसें खड़ी कर दी जाएंगी। यदि ऐसा होता है तो यात्रा करने वालों के लिए नई मुसीबत होगी। क्योंकि अभी कई ट्रेनें भी नहीं चल रही हैं।
इधर माना जा रहा है कि बस किराया निर्धारण को लेकर उज्जैन में ही संचालकों व मंत्री के बीच सार्थक चर्चा हो सकती है। क्योंकि 12-13 फरवरी को भाजपा का दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय विधायक प्रशिक्षण शिविर उज्जैन में होने जा रहा है। इसमें मुख्यमंत्री, सभी मंत्री, भाजपा के विधायक व प्रदेश पदाधिकारी आदि शामिल होंगे। गौरतलब है कि उज्जैन जिले से संचालित होने वाली 500 सहित प्रदेश में करीब 30 हजार यात्री बसें चलती हैं।
अनलॉक के बाद से इनमें से अभी 70 फीसदी बसें ही चल रही हैं। कारण बताते हुए मप्र बस ऑनर्स एसोसिएशन के उज्जैन संभाग प्रभारी शिव कुमार शर्मा ने कहते हैं कि प्राप्त किराए की तुलना में बसों का मेंटेनेंस व डीजल खर्च भारी पड़ रहा है। नुकसान झेलना पड़ रहा है। किराया वृद्धि नहीं होती है तो बसें खड़ी करने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है।
मंत्री ने भरोसा दिलाया है
मप्र बस ऑनर्स एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री जय कुमार जैन के अनुसार दो दिन पहले सागर में परिवहन मंत्री चर्चा हुई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि 12 फरवरी को फोन करना वे बस संचालकों को मिलने के लिए वक्त देंगे। देखते हैं यदि वे वक्त देते हैं तो ठीक, वरना मप्र में बसें खड़ी कर दी जाएंगी। क्योंकि डीजल 85 रुपए क्रास हो गया है अब ज्यादा नुकसान नहीं झेल सकते हैं।
किराया वृद्धि के लिए इन आधार पर अड़े संचालक
संचालकों ने ठोस आधार डीजल की कीमतों में वृद्धि होना बनाया है। आखिरी वक्त किराया वृद्धि वर्ष 2018 में हुई थी, जब डीजल 64 रुपए लीटर था। अनलॉक के बाद जब डीजल 81 रुपए लीटर हुआ तब से संचालक किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। अब कीमत और बढ़कर 85 रुपए से भी अधिक हो गई है।
ऐसे होता है किराया निर्धारण
यात्री बसों के किराए के निर्धारण में शासन स्तर की किराया बोर्ड अहम होता है। यह प्रस्तावित किराए का स्लैब पर चर्चा के बाद उसमें काट-छांट कर या यथावत की अनुशंसा कर, इसे लागू करवाने के लिए परिवहन मंत्री व मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करती है।
यह है ताजा स्थिति
वर्तमान में जो स्लैब लागू है उसमें प्रथम किमी के 7 और इसके बाद के प्रत्येक एक किमी के एक-एक रुपए के मान से लागू है। उज्जैन से इंदौर की दूरी 56 किमी है। पहले एक किमी के 7 और बाकी के 55 किमी के एक-एक रुपए के हिसाब से 55 हुए। इस तरह किराया 62 रुपए तय है।
किराए में कितनी वृद्धि चाहते हैं बस संचालक
एसोसिएशन ने अपनी तरफ से किराया बोर्ड के समक्ष जो नया स्लैब रखा है उसमें प्रथम किमी के 12 और बाद के प्रत्येक किमी के एक रुपए 60 पैसे की दर है। यदि ये लागू होता है तो उज्जैन से इंदौर का किराया बढ़कर 62 से सीधे 100 रुपए हो जाएगा। हालांकि प्रस्तावित स्लैब यथावत कम ही लागू होता है। ऐसे में माना जा रहा है कि उज्जैन से इंदौर का किराया 100 ना सही लेकिन 90 रुपए के आसपास किया जा सकता है।