कांग्रेसी मंच पर कांग्रेसी की खरी…खरी: 72 वोटों से हारने वाली सीट में हम प्रदेश के सबसे बड़े गुंडे-बदमाशों से लड़ रहे, फिर भी हमें सम्मान नहीं मिल रहा, देखना कहीं, ऐसा ना हो कि हमें घर बैठना पड़े

कांग्रेसी मंच पर कांग्रेसी की खरी…खरी: 72 वोटों से हारने वाली सीट में हम प्रदेश के सबसे बड़े गुंडे-बदमाशों से लड़ रहे, फिर भी हमें सम्मान नहीं मिल रहा, देखना कहीं, ऐसा ना हो कि हमें घर बैठना पड़े


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इंदौरएक मिनट पहले

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वरिष्ठ कांग्रेसी नेता चिंटू चौकसे ने अपने ही मंच से अपने ही नेताओं के सामने मन का गुबार निकाला।

नगर निगम चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस ने गुरुवार को विजयनगर क्षेत्र के एक गार्डन में कार्यकर्ता सम्मेलन किया। इस सम्मेलन में कांग्रेस की इंदौर नगर निगम चुनाव प्रभारी विजयलक्ष्मी साधौ ने मंच से विधायक संजय शुक्ला को महापौर पद का प्रत्याशी घोषित किया। उन्होंने कहा ‘लोकप्रिय विधायक कह दूं कि भावी महापौर, अब तक तो मेरा भाई अघोषित था, पर अब घोषित महापौर है। इस घोषणा का कांग्रेस नेताओं ने मंच से तालियां बजाकर स्वागत किया। लेकिन इसी मंच पर एक नाम और भी था, जिसने इसी मंच से अपने दिल का दर्द बयां किया और कांग्रेसियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। ये थे कांग्रेस के दो नंबर विधानसभा के दिग्गज नेता चिंटू चौकसे।

यह कहा चिंटू चौकसे ने…
सम्मेलन में चौकसे ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पार्टी के लिए सबसे कठिन विधानसभा-2 में हम लड़ाई लड़ रहे। 2 नंबर से ही पार्टी विधानसभा में मप्र में सबसे ज्यादा वोटों से हारी। जब सम्मेलन या आयोजनों में कांग्रेस को जरूरत पड़ती है तो सबसे ज्यादा कार्यकर्ता 2 नंबर से ही बाहर निकलते हैं। लेकिन जब कोई समिति बनने की बात आती है तो दो नंबर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई नहीं रहता।

चौकसे ने कहा – हम लोग 72 हजार वोटों से हारी हुई विधानसभा में भी मप्र के सबसे बड़े गुंडे-बदमाशों से लड़ रहे हैं। लेकिन जब हक और सम्मान की बात आती है तो हम सबसे पीछे खड़े हो जाते हैं। मेरा निवेदन है कि हम तन कांग्रेसी, मन कांग्रेसी.. मर जाएं तो कफन कांग्रेसी.. लेकिन आप हमारी परीक्षा मत लो। मर जाएंगे पर पार्टी चेंज नहीं करेंगे। हमें घर बैठना पड़े, इतनी परीक्षा मत लो। फिर लड़ा लेना अपने हिसाब से कांग्रेस पार्टी और अपने पार्षदों को।

चिंटू की नाराजगी का कारण नगर निगम के लिए पार्टी द्वारा बनाई गई प्रत्याशी चयन समिति है। इसमें विधानसभा-2 से किसी को शामिल नहीं किया गया। हालांकि पार्टी से जुड़े नेता चयन समिति तय गाइडलाइन के अनुसार बनने की बात कह रहे हैं।

71 हजार वोटों से दो नंबर विस को विधायक रमेश मेंदोला ने जीता था

दो नंबर विधानसभा भाजपा का गढ़ कहा जाता है। यह क्षेत्र भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला का क्षेत्र कहलाता है। यह विधानसभा पिछले 25 साल से भाजपा के पास है। पहले कैलाश विजयवर्गीय यहां से चुनाव जीते, उसके बाद रमेश मेंदोला लगातार जीतते आ रहरे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रमेश मेंदोला ने कांग्रेस के मोहन सिंह सेंगर को 71 से ज्यादा वोटों से पराजित किया था। 2013 की बात करें तो मेंदोला ने कांग्रेस प्रत्याशी छोटू शुक्ला को रिकॉर्ड 91 हजार वोटों से पराजित किया था। 2008 में भी मेंदोला ने 75000 से ज्यादा वोटों से कांग्रेस से सुरेश सेठ को हराया था।



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