नदी में कूदकर जान देने की कोशिश: उज्जैन में सूदखोरों से त्रस्त व्यापारी ने लगाई शिप्रा नदी में छलांग, तैराक दल ने बचाया तो बोला- दो माह से न तो पत्नी का पता न ही बच्चों का

नदी में कूदकर जान देने की कोशिश: उज्जैन में सूदखोरों से त्रस्त व्यापारी ने लगाई शिप्रा नदी में छलांग, तैराक दल ने बचाया तो बोला- दो माह से न तो पत्नी का पता न ही बच्चों का


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उज्जैन12 मिनट पहले

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नदी में कूदकर आत्महत्या की कोशिश करने वाले गोपाल को बचाकर लाते तैराक दल के सदस्य

  • लॉकडाउन में दुकान में घाटा लगा तो कर्जा लेना पड़ा

उज्जैन में सूदखोरों से त्रस्त एक व्यापारी ने शिप्रा नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। मौके पर मौजूद होमगार्ड के जवान और तैराक दल के सदस्यों ने पानी में डूब रहे व्यापारी को बचा लिया। मौके से एक डायरी मिली है। उसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से व्यापारी ने गुहार लगाई है कि उसका शव जिला अस्पताल से सीधे चक्रतीर्थ ले जाया जाए। व्यापारी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका उपचार चल रहा है। व्यापारी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
होमगार्ड सैनिक जगदीश कारपेंटर ने बताया कि बुधवार सुबह करीब नौ बजे वह और उनके साथ अन्य सैैनिक शिप्रा नदी के रामघाट स्थित छोटे पुल के नीचे अपनी नाव की सफाई कर रहे थे तभी एक व्यक्ति आया। उसने अपने मोबाइल रखा और जूते उतारे। उसके बाद अचानक पानी में कूद गया। हम लोगों ने देखा कि वह डूब रहा है तो फौरन हम लोगों ने उसे बचाते हुए पानी से बाहर निकाला। पूछताछ में उसने अपना नाम गोपाल कृष्ण पिता छोटे लाल गोले निवासी उर्दूपुरा गायत्री मंदिर के पास बताया।
सुसाइड की कोशिश की कहानी, व्यापारी गोपाल की जुबानी
मैं दुकान चलाता था। लॉकडाउन में कर्जा हो गया। मैं मानसिक रूप से बहुत ज्यादा परेशान हो गया था। लोगों से ब्याज पर पैसे लिए। अब लोग पैसे वापस लेने के लिए बहुत अधिक दबाव बना रहे थे। मेरे साले ने सलाह दी कि आवेदन दे दो। मैंने आवेदन दे दिया। उसमें मेरे साले ने उन सबके नाम लिखा दिए जिनसे मैंने कर्जा लिया था। उसके बाद वो लोग और दबाव बनाने लगे तो मेरे साले ने कहा कि कुछ दिन के लिए कहीं चले जाओ। तुम्हारी जान को खतरा है। दो महीने से मैं साले से संपर्क कर रहा हूं तो फोन नहीं मिल रहा है। घर पर न तो पत्नी है और न ही बच्चे। उनके भी फोन बंद हैं। पिछले दो महीने से परिवार को तलाशते हुए भटक रहा हूं।



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