किराए में बढ़ोतरी: एक मार्च से यात्रियों को देना होगा बस का बढ़ा हुआ किराया

किराए में बढ़ोतरी: एक मार्च से यात्रियों को देना होगा बस का बढ़ा हुआ किराया


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उज्जैन2 घंटे पहले

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प्रतिकात्मक फोटो

  • संभावना : उज्जैन से इंदौर का किराया 85 से 95 रु. के बीच तय किया जा सकता है

कोरोना काल में महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए परेशानी बढ़ाने वाली खबर है। अब बस का सफर और भी महंगा होने वाला है। एक मार्च से यात्रियों को बसों में नया व बढ़ा हुआ किराया देना पड़ेगा। परिवहन मंत्री से गुरुवार को मिले किराया वृद्धि के आश्वासन के बाद ऑपरेटरों ने शुक्रवार को की जाने वाली बसों की एक दिवसीय हड़ताल स्थगित कर दी है। यानी इस दिन भी बसें चलेंगी।

बहरहाल अभी यह तय नहीं है कि किराया कितना बढ़ेगा, लेकिन संभावना है कि डीजल की कीमत व दूरी के अनुपात में उज्जैन से इंदौर का बस किराया 62 से बढ़कर 85 से 95 रुपए के बीच तय किया जा सकता है। डीजल, टायर, स्पेयर पार्ट्स आदि की बढ़ती कीमतों के अनुपात में मप्र बस ऑनर्स एसोसिएशन लंबे समय से शासन से बसों के किराया वृद्धि की मांग कर रहा है। लेकिन यह मांग पूरी नहीं हुई।

इस बीच अब डीजल करीब 90 रुपए लीटर हो गया तो एसोसिएशन ने विरोध स्वरूप शुक्रवार को एक दिन बसें बंद रख ऑपरेटरों के हड़ताल पर जाने का आह्वान किया था। इस संबंध में शासन को भी सूचना भेजी गई थी। इसी बीच हड़ताल के एक दिन पहले गुरुवार को परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री जय कुमार जैन सहित अन्य पदाधिकारियों से अलग-अलग चर्चा की।

भरोसा दिलाया कि इस मुद्दे पर उनकी बात सीएम से हो चुकी है। एक मार्च से बसों का किराया बढ़ा दिया जाएगा। जैन ने कहा कि इस आश्वासन के बाद एसोसिएशन ने फिलहाल हड़ताल स्थगित कर दी है। उज्जैन जिले से करीब 500 बसें संचालित होती हैं। इनमें 10 अंतरप्रांतीय भी है। इन बसों में औसतन रोज 50 से 75 हजार यात्री सफर करते हैं। किराया वृद्धि का बोझ इन पर पड़ने वाला है।

कितना बढ़ेगा किराया अभी तय नहीं हुआ

एसोसिएशन पदाधिकारियों का कहना है कि सितंबर 2018 में किराया बोर्ड की बैठक में प्रस्तावित स्लैब पर चर्चा करते हुए बसों का किराया 50 फीसदी तक बढ़ाने की सहमति बनी थी। इसमें अब डीजल की बढ़ी हुई कीमत को ध्यान में रख किराया वृद्धि की जाना चाहिए। इधर परिवहन मंत्री राजपूत ने साफ कर दिया है कि किराया वृद्धि इस तरह से की जाएगी कि यात्रियों पर ज्यादा बोझ भी ना आए और बस मालिकों की लंबे समय से चली आ रही मांग भी पूरी हो जाए।

ऐसे समझें किराया निर्धारण के गणित को

1. अभी जो स्लैब है वह प्रथम किमी के 7 और इसके बाद के प्रत्येक एक किमी के एक-एक रुपए है। यानी उज्जैन से इंदौर की दूरी 56 किमी है। इसके पहले एक किमी के 7 और बाकी के 55 किमी के एक-एक रु. के हिसाब से 55 रुपए हुए। इस तरह उज्जैन से इंदौर का किराया 62 रु. तय है।

2. एसोसिएशन ने किराया बोर्ड के समक्ष जो नया स्लैब रखा उसमें प्रथम किमी के 12 और बाद के प्रत्येक किमी के 1 रुपए 60 पैसे की दर प्रस्तावित की हुई है। यदि यह लागू होता है तो उज्जैन से इंदौर का किराया 62 से सीधे 100 रुपए हो जाएगा। हालांकि प्रस्तावित स्लैब यथावत कम ही लागू होता है।

3. माना जा रहा है कि एसोसिएशन द्वारा प्रस्तावित स्लैब से कुछ कम करके बढ़ा हुआ किराया लागू किया जा सकता है। ऐसे में उज्जैन से इंदौर का किराया 62 से बढ़कर 85 से 95 रुपए के बीच हो सकता है।

नोट : जानकारी एसोसिएशन के उज्जैन संभाग के प्रभारी शिव कुमार शर्मा से चर्चा के अनुसार।

मंत्री के आश्वासन पर हड़ताल स्थगित कर दी है

परिवहन मंत्री ने भरोसा दिलाया कि एक मार्च से किराया बढ़ा दिया जाएगा। इस आश्वासन के बाद शुक्रवार को की जाने वाली एक दिनी हड़ताल स्थगित कर दी है। शुक्रवार को भी बसें चलेंगी। हमने साफ कर दिया है कि किराया वृद्धि डीजल की बढ़ी हुई कीमत के अनुपात में की जाना चाहिए न कि अन्य प्रांतों के हिसाब से। क्योंकि दूसरे प्रांतों में मप्र की तुलना में डीजल पर टैक्स कम है।

– जय कुमार जैन, प्रदेश महामंत्री, मप्र बस ऑनर्स एसोसिएशन

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