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- Ayaz Memon Column The Pitch At The Narendra Modi Stadium Was Bad, England Did Not Even Help Themselves
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नई दिल्ली34 मिनट पहले
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अयाज मेनन
अहमदाबाद के नए नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पिंक बॉल टेस्ट दो दिन में समाप्त हो गया। इसके बाद से ये सवाल उठने लगे कि क्या पिच 5 दिन के टेस्ट के लिए थी? एक्सपर्ट की राय भी दो भाग में बंटी है। वॉन और वेंगसरकर का मानना है कि पिच टेस्ट क्रिकेट का गलत उदाहरण पेश कर रही है।
दूसरी तरफ गावसकर, पीटरसन और बॉयकॉट का मानना है कि बल्लेबाजी खराब हुई। यह काफी अलग तरह की डिबेट है। लेकिन बिना किसी संदेह के पिच तो खराब थी ही। 2 दिन में 30 विकेट गिरे, मैच सिर्फ 142.2 ओवर में समाप्त हो गया।
यह 1935 के बाद सबसे छोटा टेस्ट था। मौसम की कोई भूमिका नहीं थी। दोनों टीम के पास कई बेहतरीन बल्लेबाज थे। इन सब को देखते हुए पिच फैक्टर महत्वपूर्ण हो जाता है। सिर्फ इंग्लैंड के बल्लेबाज ही फेल नहीं हुए। भारतीय पारी भी सिर्फ 145 रन पर सिमटी। एक सेशन से भी कम समय में 7 विकेट गिरे। पार्ट टाइम गेंदबाज जो रूट के सामने सभी जूझते दिखे।
ज्यादातर टेस्ट के रिजल्ट पांचवें दिन के अंतिम ओवर या अंतिम घंटे से काफी पहले आ जाते हैं। कई शानदार मुकाबले 3-4 दिन में समाप्त हो जाते हैं। मौसम, पिच, फ्लडलाइट, मैदान की कंडीशन जैसी चीजें का इस फॉर्मेट में अहम योगदान रहता है।
खिलाड़ी स्किल, टेम्परामेंट, धैर्य, आक्रामकता से खेल को बेहतर बनाते हैं। लेकिन अगर पिच की वजह से एक स्किल दूसरे पर भारी पड़ने लगेगा तो टेस्ट का मजा खत्म हो जाएगा।