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- Before Kisan Mahapanchayat, Digvijay Singh Said, “We Are Not In Power But We Are Not Even Weak.”
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रतलाम3 घंटे पहले
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किसान महापंचायत के लिए पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद दिग्विजय सिंह बुधवार को रतलाम आए। महापंचायत से एक दिन पहले रेन मऊ चौपाटी पर उन्होंने किसान चौपाल की। चौपाल में दिग्विजय सिंह ने जमीन पर ही बैठकर किसानों की समस्या सुनी, साथ ही कहा हम सत्ता में नहीं है, लेकिन कमजोर भी नहीं है। किसान महापंचायत की शुरुआत गुरुवार को डेलनपुर से होना है। एक दिन पहले दिग्विजयसिंह के साथ दिल्ली से किसान नेता डॉ. अजय मलेरा व श्रेया कुमार भी रतलाम पहुंचींं। दिग्विजयसिंह ने प्रदेश में होने वाली महापंचायत को गैर राजनीतिक बताया, उन्होंने डेलनपुर में होने वाली पंचायत में मंच पर बैठने से भी मना कर दिया। किसान नेता डॉ. अजय मलेरा ने कहा दाल-रोटी इंटरनेट से डाउनलोड नहीं होती। उन्होंने मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर को भी किसानों से खुली चर्चा करने की चुनौती दी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बात कर करवाएंगे किसान का समाधान
किसान दिनेश ने चौपाल में कहा तीन महीने पहले सतारा (महाराष्ट्र) के व्यापारी को माल भेजने के बाद रुपए लेने गए तो अपहरण का आरोप लगाकर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी। गिरफ्तार हुए। मामले में दिग्विजयसिंह ने मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया।
मीठी मिर्च का लिया टेस्ट
इधर, रेन मऊ पहुंचे दिग्विजयसिंह को किसानों ने अलग-अलग तरह की सब्जियों के बारे में बताया। उन्होंने मीठी मिर्च, आम का भी स्वाद लिया। आयोजन में विधायक मनोज चांवला, किसान नेता डीपी धाकड़, शहर अध्यक्ष महेंद्र कटारिया, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश भरावा मौजूद थे।
किसानों की समस्या – लहसुन के भाव नहीं मिल रहे
- किसान समरथ पाटीदार मथुरी : हम लोग व्यवहारिक खेती करते है, लहसुन लगाते है, लेकिन समय से भाव नहीं मिल पाते। इससे नुकसान होता है।
- किसान समरथ पाटीदार : मैं गिर गाय के दूध का उत्पादन करता हूं। जितने रुपए मिलना चाहिए, नहीं मिल रहे है। घोड़ारोज… हाइब्रिड बकरा है, इसका डीएनए टेस्ट करवाना चाहिए। सरकार को निर्णय लेना चाहिए।
- किसान बीहारी लाल : 55 किसानों को प्लास्टिक तालाब का भुगतान नहीं हुआ। विधायक मनोज चांवला विधानसभा में प्रश्न लगाने की बात कही।
- किसान अशोक पाटीदार मूंदड़ी : मैंने एमए तक शिक्षा ली है, नौकरी नहीं मिली तो खेती की, प्याज के स्टोरेज की जगह नहीं है, ऐसे में फसल के समय पर पर्याप्त रेट नहीं मिलते, स्टोरेज का इंतजाम हो तो प्याज बाद में बेच कर मुनाफा कमा सकते हैं।
- किसान भंवरभार्इ पाटीदार : दूध उत्पादक है, हम जितना खल खिलाते है, दूध उतना नहीं आता, दाम बढ़ाओ।