In June, there were more patients recovering from new patients, cases more in July… discharges were decreasing | जून में नए मरीजों से ठीक होने वाले ज्यादा थे, जुलाई में केस ज्यादा…डिस्चार्ज कम हो रहे

In June, there were more patients recovering from new patients, cases more in July… discharges were decreasing | जून में नए मरीजों से ठीक होने वाले ज्यादा थे, जुलाई में केस ज्यादा…डिस्चार्ज कम हो रहे


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उज्जैन9 मिनट पहले

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  • ग्रीन जोन में आते-आते फिर रेड हुआ उज्जैन…ऐसे ही केस आए तो लॉकडाउन की ओर बढ़ेगा शहर

शहर ग्रीन जोन से फिर रेड जोन में आ गया। इसका कारण जून और जुलाई के आंकड़ों का विश्लेषण करने से पता चलता है। 26 जून तक औसतन हर दिन ठीक होने पर 10 रोगी डिस्चार्ज किए जा रहे थे। जबकि रोजाना 6 नए बढ़ रहे थे। यानी ठीक होने वालों की संख्या अधिक थी और संक्रमित होने वालों की कम। जुलाई में उल्टा हो रहा है। एक से 26 जुलाई तक के आंकड़े बताते हैं कि औसतन रोजाना 10 से अधिक नए संक्रमित मिल रहे हैं, जबकि ठीक होने वालों की संख्या औसतन 4 से 6 तक ही सिमटी हुई है। आंकड़ों का यह अंतर चिंता पैदा करने वाला है।

ऐसे समझें आंकड़ों से
जून में यह हुआ

  • 1 जून तक जिले में कुल संक्रमित 676 रोगी थे
  • 26 जून तक बढ़कर 840 हो गए। 26 दिनों में 164 नए रोगी यानी औसतन हर दिन 6 नए रोगी।
  • 1 जून तक कुल 475 रोगियों को डिस्चार्ज किया 157 रोगी भर्ती थे।
  • 26 जून को 739 डिस्चार्ज हुए। 26 दिन में 264 रोगी ठीक। यानी औसतन 10 से अधिक रोज।
  • 57 से 69 तक जा पहुंची थी मृतकों की संख्या।
  • 26 जून की स्थिति में केवल 45 रोगी भर्ती थे। इस दिन जिला रेड जोन से बाहर आकर ऑरेंज जोन में आ गया था। जिले में पिछले 3 दिनों में शहर के दो और अंचल से केवल तीन इस तरह कुल 5 नए संक्रमित मिले थे।

जुलाई में यह हो रहा है

  • 1 जुलाई को जिले में कुल संक्रमित 862 थे
  • 28 जुलाई तक बढ़कर 1154 हो गए। 28 दिनों में 295 नए संक्रमित बढ़े यानी औसतन हर दिन 10 नए रोगी।
  • 1 तक कुल 770 रोगियों को डिस्चार्ज किया। तब केवल 21 रोगी ही भर्ती थे।
  • 28 जुलाई को डिस्चार्ज होने वालों का आंकड़ा बढ़कर 871 तक जा पहुंचा। 28 दिनों में 103 रोगी ठीक हुए। यानी औसतन दो से छह रोज। इस बीच अच्छी बात यह कि केवल तीन रोगी की मौत हुई और मृतकों की संख्या 74 तक पहुंची।
  • 28 दिनों में भर्ती रोगियों की संख्या 21 से बढ़कर 209 तक जा पहुंची।

बारिश में 8 से 10 घंटे तक वायरस सक्रिय
बारिश के दौरान वायरस 8-10 घंटे तक सक्रिय रहता है। ऐसे में लोग किसी वस्तु या किसी व्यक्ति के संपर्क में आने पर संक्रमित हो सकते हैं। दूसरा त्योहार आ रहे हैं। इन पर लोगों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी, इससे भी संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। पुलिस-प्रशासन की सख्ती के बाद भी लोग बाज नहीं आ रहे हैं। नतीजतन पूरे जिले को और ज्यादा दिनों का लाॅकडाउन झेलना पड़ सकता है।
लापरवाही बरकरार, बढ़ेगा लाॅकडाउन
सबसे बड़ी चिंता बढ़ाने वाली बात यह है कि समाज के कुछ दुश्मन अभी भी लापरवाही व हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। यदि इन्होंने अपनी हरकतें नहीं बदली तो इनके साथ पूरे जिलेवासियों को फिर से ज्यादा दिनों का लाॅकडाउन झेलना पड़ सकता है, जिसके संकेत कलेक्टर आशीष सिंह दे चुके हैं। यदि ऐसा हुआ तो इन लोगों की वजह से उन लोगों को भी परेशानी उठाना पड़ेगी जो नियमों व गाइड लाइनों का पालन करते आ रहे हैं।

इसलिए बढ़ रहे हैं रोगी

  • अनलॉक में लोगों की आवाजाही बढ़ी। लापरवाही बढ़ी, बगैर मास्क व बीना सोशल डिस्टेंस के लोग घूम रहे हैं।
  • किल कोरोना अभियान और डोर टू डोर सर्वे में भी कई रोगी मिले।
  • इस बीच लोगों में जागरूकता बढ़ी। आगे आकर जांच करवाई। कुछ पॉजिटिव पाए गए।

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