Heavy Rain in Madhya Pradesh Chhatarpur Updates From Shri Jatashankar Dham, a famous pilgrimage site called Kedarnath of Bundelkhand | जोरदार बारिश के बाद झरनों ने किया श्री जटाशंकर का अभिषेक, पहाड़ों की गोद में है ये मंदिर

Heavy Rain in Madhya Pradesh Chhatarpur Updates From Shri Jatashankar Dham, a famous pilgrimage site called Kedarnath of Bundelkhand | जोरदार बारिश के बाद झरनों ने किया श्री जटाशंकर का अभिषेक, पहाड़ों की गोद में है ये मंदिर


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छतरपुर38 मिनट पहले

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  • बुधवार को हुई जोरदार के बाद पहाड़ी झरनों का पानी सीधे मंदिर में प्रवेश करने लगा
  • मंदिर के चारों ओर पहाड़ बारिश में हरियाली की चादर ओढ़ लेते हैं, फूट पड़े पहाड़ी झरने

बुंदेलखंड के केदारनाथ कहे जाने वाले श्री जटाशंकर धाम छतरपुर में बुधवार को सुबह हुई जोरदार बारिश के बाद अद्भुत दृश्य देखने को मिला। बारिश के बाद पहाड़ी झरने फूट पड़े, जिससे तेजी से बहकर आता पानी आकर बीचोंबीच बने मंदिर परिसर में भगवान शिव का अभिषेक करने लगा। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। झरनों का पानी सीढ़ीयों से भी बहकर मंदिर में जा रहा था।

बिजावर क्षेत्र में कई दिनों बाद बुधवार को सुबह करीब 7 बजे से लगभग 10 बजे तक लगातार 3 घंटे झमाझम बारिश हुई। इससे श्री जटाशंकर मंदिर के आसपास पहाड़ी झरने बहने लगे। ये पानी सीधे मंदिर में सीढ़ीयों से गिर रहा था, जिससे सिद्ध बाबा की गुफा, गोमुख, मंदिर चौक पानी-पानी हो गए। यहां पर पानी इतना तेजी से आया कि लोगों का ठहरना मुश्किल हो गया।

छतरपुर के बिजावर में स्थित श्री जटाशंकर भगवान का मंदिर।

पहाड़ों पर हरियाली की चादर और गिरते झरने
हर साल बारिश में श्री जटाशंकर धाम की पहाड़ियां हरियाली की चादर ओढ़ लेती हैं। साथ ही प्राकृतिक झरने प्रकृति प्रेमी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। आज की बारिश से समीप के मोना सैंया और श्री जटाशंकर धाम से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित घोघरा जलप्रपात का नजारा भी अद्भुत हो गया है।

बुंदेलखंड का केदारनाथ कहे जाते हैं श्री जटाशंकर
छतरपुर जिले में बिजावर तहसील से करीब 15 किमी दूर चारों ओर सुंदर पहाड़ों से घिरा एक शिव मंदिर है, जिसे श्री जटाशंकर धाम के नाम से जाना जाता है। इस अति प्राचीन मंदिर में विराजित भगवान शिव का हमेशा गोमुख से गिरती हुई धारा से जलाभिषेक होता रहता है। यह मंदिर धार्मिक आस्था बड़ा केन्द्र है। यूं तो यहां हमेशा ही श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन अमावस्या के दिन यहां भारी भीड़ रहती है।

ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के जल से कई लोगों की बीमारियां खत्म हुई हैं। प्राकृतिक दृष्टि से भी यह स्थान मनोरम है। चारों ओर इस स्थान को घेरे हुए पहाड़ इसके सौन्दर्य को चौगुना कर देते हैं। बंदरों के साथ ही यहां अन्य जंगली जानवर भी पाए जाते हैं।

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