E-surveillance system, trap cameras and tracking of caves, caves, tigers have increased from 2 to 32 in 10 years in Sehore district | ई-सर्विलांस सिस्टम, ट्रैप कैमरे लगाए और पगडंडियों, गुफाओं की मॉनीटरिंग की तो सीहोर जिले में 10 साल में 2 से बढ़कर 32 हो गए बाघ

E-surveillance system, trap cameras and tracking of caves, caves, tigers have increased from 2 to 32 in 10 years in Sehore district | ई-सर्विलांस सिस्टम, ट्रैप कैमरे लगाए और पगडंडियों, गुफाओं की मॉनीटरिंग की तो सीहोर जिले में 10 साल में 2 से बढ़कर 32 हो गए बाघ


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सीहोर20 घंटे पहले

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वीरपुर रेंज में बाघों का कुनबा बढ़ा है

  • 2010 में जिले में दो बाघ बचे थे, इसमें एक नर और एक मादा थी, दोनों की निगरानी की तो बढ़ता गया कुनबा

बलजीत सिंह ठाकुर, ई-सर्विलांस सिस्टम, ट्रैप कैमरे, पगडंडियों, जल स्रोतों, गुफाओं की नियमित चेकिंग का नतीजा यह कि सीहोर जिले में बाघों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। 2010 में जिले में केवल दो बाघ थे वहीं अब ये 32 हो गए हैं। जबकि एक बाघ देवास के जंगल में जा चुका है और दूसरे को उसके व्यवहार के कारण बाहर शिफ्ट कर दिया गया है। इसमें से वीरपुर रेंज में 19 और बुदनी रेंज में 12, रेहटी में 1 बाघ है।
एसडीओ फारेस्ट राजेश शर्मा, बुदनी रेंजर शिव पाल पिपरदे ने बताया कि लगातार हो रहे शिकार से चिंतित विभाग ने वीरपुर रेंज, सीहोर और बुदनी के जंगलों में 10 साल पहले इनकी निगरानी शुरू की।
इसके लिए विभाग ने ईसर्विलांस सिस्टम का सहारा लिया और ट्रैप कैमरे लगवाए। पगडंडियों, गुफाओं और जहां-जहां बाघ जाते हैं, उन पर नजर रखी। 2010 में जिले में मानीटरिंग का काम शुरू किया उस समय दो बाघ थे एक मादा व एक नर। डीएफओ रमेश गनावा ने बताया कि बाघों की सुरक्षा के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं।

ऐसे बढ़ा कुनवा

सीहोर जिले में 2010 में जो दो बाघ थे, उनसे 2013 में 4 शावक बढ़े। 2015 में 10, जनवरी 2017 में 4, नवंबर 2017 में 6, 2018 में 4 और जनवरी 2019 में 2 शावकों के जन्म लेने से कुनवा 32 का हो गया है। हालांकि एक बाघ देवास के जंगलों में पलायन कर चला गया तो एक और को उसके व्यवहार के कारण दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया।

ई सर्विलांस सिस्टम, ट्रैप कैमरों से ऐसे रखते हैं नजर
वीरपुर वन क्षेत्रापाल एसएन खरे, वनरक्षक नागेंद्र सिंह बैस ने बताया पहली बार सीहोर जिले की वीरपुर रेंज में ई-सर्विलांस सिस्टम लगाया गया है जिसका कंट्रोल रूम केरवा में बनाया है। ऐसे पांच टावर लगाए हैं। यह 3 किमी की परिधि में चीज को कैच कर लेते हैं।

पैर में लोहे का बायर दिखाई दिया तो किया रेस्क्यू शुरू, प्रेग्नेंट बाघिन पर रखते हैं नजर
दिसंबर 2019 की बात है एक बाघ फेंसिंग में जाकर फंस गया। इसे कैमरे से देखा जब वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो उसे देखकर बाघ वहां से भाग निकला 2 दिन बाद ट्रैक कैमरे से पता चला उसके पैर में एक गैर का बायर लिपटा हुआ है जिससे चलने में परेशानी हो रही है। फिर एक बार ट्रैक कैमरे में यह देखा गया कि उसने इस बायर को अपने दांतों से निकाल लिया था। कैमरा से ही पता चलता है कि कोई बाघिन प्रेग्नेंट है इस दौरान यह गुफाओं में रहती है इसलिए कुछ समय उन पर विशेष नजर रखी जाती है

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