- Hindi News
- Local
- Mp
- Ratlam
- Neither Electricity Connection Nor Poll In Government School, Yet Bill Coming Continuously For Two Years; Now Got The Meter Installed Two Days Ago
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
रतलाम3 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
स्कूल में बिजली बिल दिखाता शिक्षक।
- रतलाम जनपद के पीपलखूंटा पंचायत क्षेत्र के हावलिया खाल गांव का मामला
आए दिन बिजली कंपनी द्वारा लापरवाही सामने आती रहती है। बिजली कंपनी का एक और कारनामा रतलाम जनपद में सामने आया है। यहां स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल भवन के आसपास न तो बिजली का खंभा है, न कनेक्शन और ना ही मीटर लगा है। इसके बावजूद पिछले बिजली बिल दो साल से लगातार दिया जा रहा है। बिल में आंकलित खपत भी दर्ज है। मामला सामने आने के बाद दो दिन पहले ही आनन-फानन में यहां मीटर लगवाया गया है।
जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर पीपलखूंटा पंचायत क्षेत्र के हावलिया खाल के प्राथमिक स्कूल भवन का निर्माण वर्ष 2008 में हुआ था। यहां जाने के लिए न तो सड़क है और न ही बिजली की सुविधा। स्कूल में बिजली उपकरण के नाम पर यहां एक बल्व भी नहीं लगा है। फिर भी पिछले दो साल से लगातार बिजली कंपनी द्वारा बिल दिया जा रहा है। बिल बढ़कर हजारों रुपए में पहुंच गया है। इस कारण स्कूल के शिक्षक भी परेशान हैं।

ये है हजारों रुपए का बिजली बिल।
फिर भी आ रहा बिजली बिल
स्कूल के शिक्षक भूरिया डांगी का कहना है, करीब दो साल पहले जब पहली बार बिल आया, तो हैरत हुई। पहले तो ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब लगातार हर महीने बिल आने लगा, तो शिकायत की। बावजूद कार्रवाई नहीं की गई। बिल में आंकलित खपत दर्ज कर दी जाती है। समझ नहीं आ रहा कि जब कनेक्शन ही नहीं, तो बिल किस आधार पर दिया जा रहा है। अब जब मीडिया में मामला आया, तो दो दिन पहले स्कूल में अधिकारियों ने एक मीटर लगवा दिया।
समस्या का समाधान होगा
बिजली कंपनी के कार्यपालन यंत्री जेपी ठाकुर का कहना है, दो साल पहले शासन से सभी स्कूलों को बिजली कनेक्शन जारी करने के आदेश मिले थे। ये मामला उसी समय का है। स्कूल का मुआयना करवाकर समाधान किया जाएगा।
स्कूल भवन भी जर्जर

स्कूल का भवन भी जर्जर हो गया है। इसकी दीवारों पर प्लास्टर भी नहीं किया गया है।
खास बात है कि पीपलखूंटा पंचायत ने स्कूल भवन तो बना दिया, लेकिन यहां प्लास्टर करना भूल गए। वर्तमान में हालत ये है कि ये भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। फर्श का प्लास्टर भी उखड़ रहा है। दीवारों पर काई जम गई है। ऐसा लगता है, जैसे कोई खंडहर हो।