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मंडला8 मिनट पहले
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तीन साल बाद बांधवगढ़ की बाघिन सुंदरी को ओडिशा के बाड़े से वापस लाया गया।
MP ने अपनी बाघिन सुंदरी को ओडिशा से वापस ले लिया है। सुंदरी को बांधवगढ़ नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क से एक नर बाघ महावीर के साथ 2018 में ओडिशा के सतकोसिया राष्ट्रीय उद्यान में भेजा गया था। यहां पर मानव संघर्ष के बाद दोनों को बाड़े में रखा गया था। कुछ दिन बाद महावीर की मौत हो गई थी। बवाल मचने पर मध्य प्रदेश सरकार ने सुंदरी को वापस करने के लिए ओडिशा पर दबाव बनाया। मामला मप्र हाई कोर्ट तक पहुंचा। इस पर हाई कोर्ट ने बाघ लाने के लिए आदेश दिया।
कान्हा टाइगर रिजर्व के सहायक संचालक एसके सिन्हा, वन्यप्राणी चिकित्सक डाॅ. संदीप अग्रवाल समेत अन्य कर्मचारी सुदंरी का लेने ओडिशा गए थे। 21 मार्च को जांच के बाद सुंदरी को वहां से लेकर मंडला के लिए निकले। बुधवार की आधी रात काे टीम कान्हा नेशनल पार्क पहुंची। यहां उसे 37 एकड़ के घोरेला बाड़े में छोड़ा गया। गुरुवार को टीम ने बाघिन के स्वास्थ्य की जांच की। वह पूरी से से स्वस्थ और सक्रिय मिली। जल्द ही उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
ओडिशा गुलजार करने गए थे, डरकर बाड़े में रखा था
ओडिशा के सतकोसिया टाइगर रिजर्व पार्क बाघ विहीन हो गया था। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एवं ओडिशा सरकार ने बाघ देने के लिए मप्र सरकार से अनुरोध किया था। इसके बाद बाघ पुर्नस्थापना कार्यक्रम में बांधवगढ़ पार्क से बाघिन सुंदरी और बाघ महावीर को भेजा गया था। यह ट्रांसफर ओडिशा और मप्र के बाघों में जीन की समानता मिलने पर किय गया था। लेकिन वहां सतकोसिया पार्क से लगे गांव में बाघों ने दो आदमी और मवेशियों का शिकार कर दिया। इसके बाद वहां के लोग इनके जान के दुश्मन बन गए। दोनों को सुरक्षा के लिए पार्क के अंदर बाड़े में बंद कर दिया गया। वहां पर बाघ महावीर की मौत हो गई। मामला उठने पर मध्य प्रदेश सरकार ने सुंदरी को वापस करने के लिए ओडिशा सरकार पर दबाव बनाना शुरू किया। नवंबर में हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद बाघ लाने के लिए कहा था।
CM शिवराज ने ओडिशा के CM को पत्र लिखा था
CM शिवराज सिंह चौहान ने ओडिशा के CM नवीन पटनायक को दिसंबर 2020 में पत्र लिखा था। उन्होंने सतकोसिया राष्ट्रीय उद्यान में बाघ की मौत पर दुख जताया था। शिवराज ने कहा था कि मध्य प्रदेश ने बाघों का जोड़ा सौंपा था। लेकिन वन्यजीव प्रबंधन में लापरवाही के कारण नर बाघ की मौत हो गई। अब मादा बाघ सुंदरी की भी वहां ठीक-ठाक से देखभाल नहीं की जा रही है। जब तक कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में सुंदरी की देखभाल की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो जाती है तब तक कि उसका वहां पर समुचित ध्यान देकर सुरक्षित रखा जाए।
दो जोड़े देने जाने थे, अब नहीं जांएगे
बाघ पुर्नस्थापना कार्यक्रम में मध्य प्रदेश से बाघ-बाघिन के दो जोड़े दिए जाने थे। लेकिन एक जोड़े का यह हश्र होने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने अपने पैर पीछे खींच लिए। बाघिन सुदंरी को वापस लाकर जता दिया कि अब वह ओडिशा को कोई बाघ नहीं देगी।