200 करोड़ के फर्जी लोन का मामला: CBI ने दो फर्मों पर मारे छापे, बड़ी हेराफेरी कर लिया कर्ज

200 करोड़ के फर्जी लोन का मामला: CBI ने दो फर्मों पर मारे छापे, बड़ी हेराफेरी कर लिया कर्ज


CBI को बड़े स्तर पर फर्जी लोन लेने की शिकायत मिली थी. (सांकेतिक तस्वीर)

CBI ने भोपाल में दो फर्मों पर छापे मारे. मामला फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 200 करोड़ का लोन लेने का है. एक फर्म ने 196 तो दूसरी ने 4 करोड़ का लोन लिया. इसके बाद इनके खाते एनपीए हो गए.

भोपाल. राजधानी की दो बैंकों की शिकायत पर CBI ने गुरुवार को बड़ा छापा मारा. मामला दो फर्मों के 200 करोड़ के लोन से जुड़ा है. दोनों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन लिया और उनके खाते NPA हो गए. एक मामले में तो फर्म के संचालकों के गुजरात स्थित ठिकानों पर भी छापे मारे गए हैं.

जानकारी के मुताबिक, बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपनी FIR में लिखा था कि ज्योति पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड ने 196 करोड़ का फर्जी लोन लिया है. वहीं, इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 4 करोड़ रुपए का लोन लेने की शिकायत की थी. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक भोपाल के बैंक ऑफ बड़ौदा से ज्योति पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड के संचालक कमलेश और संजय नेमानी ने 196 करोड़ रुपए का लोन लिया था. इसको लेकर दस्तावेजों की जांच के बाद सीबीआई ने अहमदाबाद में 4 और राजकोट में 1 ठिकाने पर छापे मारी की है.

फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिया लोन

इसी तरह इंडियन ओवरसीज बैंक से जिसमें सिद्ध पाल सिंह भदौरिया की कंपनी ने पॉप्रर्टी के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 4 करोड़ का लोन लिया था. इसकी शिकायत बैंक प्रबंधन ने सीबीआई में की थी. इन शिकायतों के आधार पर जांच एजेंसी ने सिद्ध सिंह के भोपाल और निवाड़ी में पैतृक आवास पर छापेमारी की है. बताया जा रहा है कि तत्कालीन बैंक मैनेजर सतीश चंद्र अग्रवाल के घर पर भी सीबीआई ने सर्चिंग की है.









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