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इंदौर6 मिनट पहले
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मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना जांच को लेकर सोमवार को लोगों को थोड़ी राहत प्रदान की। सरकार ने 1200 रुपए में होने वाली कोेराेना जांच की दर घटा दी है। अब लोग निजी लैब में 700 रुपए जांच करवा सकेंगे। हालांकि घर से सैंपल कलेक्शन के पूर्व से निर्धारित 200 रुपए दर पर किसी प्रकार का फेरबदल नहीं किया गया। यानी यदि घर से सैंपल कलेक्शन किया जाएगा तो मरीज को कुल 900 रुपए देने होंगे।
आदेश में यह सब…
- मप्र में अब RT – PCR Test से कोविड -19 टेस्ट का सैंपल कलेक्शन प्रयोगशाला में किया जाता है तो जांच शुल्क 700 रुपए प्रति मरीज लिया जाएगा। सैंपल कलेक्शन घर जाकर लेने पर 200 अलग से देने होंगे। इसमें सैंपल कलेक्शन, ट्रांसपोर्ट शुल्क, कंज्युमेबल, पीपीई किट सहित सभी अन्य शुल्क शामिल हैं।
- Rapid Antigen Test से कोविड -19 जांच अस्पताल या प्रयोगशाला में करने पर 300 प्रति मरीज लिया जाएगा। घर जाकर सैंपल कलेक्शन करने पर 200 अलग से देने होंगे। इसमें सभी प्रकार के शुल्क शामिल होंगे।
- सैंपल लेते समय ही संबंधित व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नंबर आर.टी.पी.सी.आर. ऐप पर अपलोड किया जाए। उनकी जानकारी को गोपनीय रखना होगा।
- कोविड -19 की जांच रिजल्ट राज्य सरकार और आई.सी.एम.आर. के साथ समय पर आई.सी.एम.आर, पोर्टल पर साझा करते करने के साथ ही आर.टी.पी.सी.आर. ऐप पर भी अपलोड करना होगा।
- जांच रिजल्ट संबंधित मरीजों को तत्काल उपलब्ध करना होगा। इसके साथ ही पॉजिटिव आने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ ही आई.डी.एस.पी. सेल को भी जानकारी देना होगी।
- प्रायवेट लैब के साथ ही अस्पतालों के जांच से संबंधित डाटा संभालकर रखना होगा। साथ ही अस्पताल और प्रयोग शाला में निर्धारित दर को चश्पा करना जरूरी है।
- प्रायवेट लैब और अस्पतालों में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति होना जरूरी है।

नए दर को लेकर जारी किए गए आदेश की कॉपी।
अक्टूबर 2020 में कोरोना जांच दर 1200 रुपए की थी
मप्र में अक्टूबर 2020 में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना टेस्ट की दरें कम कर 1200 रुपए तय की थी। रैपिड एंटीजन टेस्ट से कोविड-19 के संक्रमण की जांच दर 900 रुपए तय की है। यदि सैंपल मरीज के घर जाकर लिया जाता है तो इसमें 200 रुपए का अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकता है। अक्टूबर के बाद मप्र ने इन दरों को संशोधित नहीं किया था, जबकि कई राज्यों ने इसमें संशोधन कर दिया था। इसकी एक वजह यह भी थी कि सरकार खुद अब निजी लैब में सैंपल जांच के लिए नहीं भेज रही थी, वह मेडिकल कॉलेजों में ही जांच करा रही थी। इसके लिए सरकार को अलग से भुगतान नहीं करना था। पहले सरकार निजी लैब से जांच करा रही थी तो वह दर भी तय कर रही थी। अभी सबसे कम दर ओडिशा में हैं, जहां पर केवल 400 रुपए में कोरोना की जांच हो रही है।