General Promotion In Madhya Pradesh College For UG-PG Students; Education Department Asked For Suggestions From Vice Chancellors | कॉलेजों में जनरल प्रमोशन के लिए एक्ट में नहीं प्रावधान, करना होगा अधिनियम में संशोधन

General Promotion In Madhya Pradesh College For UG-PG Students; Education Department Asked For Suggestions From Vice Chancellors | कॉलेजों में जनरल प्रमोशन के लिए एक्ट में नहीं प्रावधान, करना होगा अधिनियम में संशोधन


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • General Promotion In Madhya Pradesh College For UG PG Students; Education Department Asked For Suggestions From Vice Chancellors

भोपाल13 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद भी उच्च शिक्षा यानी यूजी-पीजी के विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने में कई अड़चनें हैं

  • र्तमान में प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में लागू विश्वविद्यालय परीक्षा अधिनियम 1973 में विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने का प्रावधान ही नहीं है
  • विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने के लिए इस अधिनियम में संशोधन करना होगा, जो कि अब तक नहीं हो पाया है

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद भी उच्च शिक्षा यानी यूजी-पीजी के विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने में कई अड़चनें हैं। दरअसल वर्तमान में प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में लागू विश्वविद्यालय परीक्षा अधिनियम 1973 में विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने का प्रावधान ही नहीं है। विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने के लिए इस अधिनियम में संशोधन करना होगा, जो कि अब तक नहीं हो पाया है। यही वजह है कि शासन ने अब तक विश्वविद्यालयों को जनरल प्रमोशन के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है।

कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के मद्देनजर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में प्रथम, द्वितीय और अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने की घोषणा पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने की थी। लिहाजा विश्वविद्यालयों ने विद्यार्थियों की परीक्षाएं स्थगित कर दी है। अब शिक्षा सत्र 2019-20 में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का रिजल्ट तैयार किया जाना है, लेकिन इसके लिए विश्वविद्यालयों के परीक्षा विभाग को शासन के आदेश की जरूरत है।

इतना आसान नहीं
विशेषज्ञ बताते हैं कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन दिया जाना आसान नहीं है।इसके लिए परीक्षा अधिनियम में संशोधन करना होगा। यह विधानसभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद ही किया जा सकेगा। जनरल प्रमोशन में आ रही अड़चनों को देखते हुए पिछले दिनों राजभवन और उच्च शिक्षा विभाग ने कुलपतियों से सुझाव मांगे हैं। इनके आधार पर गाइड लाइन तय की जाएगी, जो विद्यार्थी जनरल प्रमोशन नहीं लेना चाहते उनके लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी।

एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव कार्यपरिषद से होगा पारित

  • विश्वविद्यालय परीक्षा अधिनियम 1973 में छात्रों को जनरल प्रमोशन देने का प्रावधान नहीं है। इसमें संशोधन के लिए राज्य शासन को गजट नोटिफिकेशन जारी करना होगा। इसके आधार पर सभी विश्वविद्यालयों के एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव कार्यपरिषद में रखा जाएगा। वहां पारित होने के बाद इसे राजभवन की समन्वय समिति की मंजूरी के बाद विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन दिया जा सकेगा।
  • मध्यप्रदेश में विद्यार्थियों को किस तरह से जनरल प्रमोशन दिया जाए? इसके लिए राजभवन और उच्च शिक्षा विभाग ने कुलपति से सुझाव मांगे हैं। उनके सुझाव के आधार पर ही गाइड लाइन तैयार होगी। गाइड लाइन के आधार पर तय होगा कि विद्यार्थियों के कितने प्रतिशत अंक पिछले साल या सेमेस्टर के आधार पर दिए जाने हैं। एटीकेटी प्राप्त विद्यार्थियों को किस तरह से जनरल प्रमोशन का लाभ दिया जाए, जो विद्यार्थी जनरल प्रमोशन का लाभ नहीं लेना चाहते उनकी परीक्षाएं कैसे आयोजित की जाएं।

एक्सपर्ट व्यू : कुलपति भी कर सकते हैं अपनी शक्तियों का प्रयोग
सबसे पहले विश्वविद्यालय की एग्जामिनेशन कमेटी को परीक्षा अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश तैयार करना होगा। इस अध्यादेश को अकादमिक कौंसिल पारित करेगी। इसके बाद से विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में रखा जाएगा। कार्यपरिषद से पास होने के बाद इस पर अंतिम मुहर लगाने के लिए विधानसभा भेजा जाएगा। यहां से पारित होने के बाद ही यह मान्य हो सकेगा। दूसरा तरीका यह हो सकता है कि इस अध्यादेश को कैबिनेट की बैठक में रखकर पास कर दिया जाए। इसके बाद राज्यपाल से अध्यादेश पर मंजूरी ले ली जाए। यदि कार्यपरिषद की बैठक आयोजित करने जैसी स्थितियां नहीं है तो कुलपति अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए इसे विशेष केस या फिर परिस्थितियां मानकर विश्वविद्यालय स्तर पर पास करा सकते हैं।

प्रो. आरके भारती, रिटायर्ड शिक्षक डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर

0



Source link