People stopped but still did not consider the driver and van landed in the immersed report, 4 lives were washed away in stubbornness | लोगों ने रोका फिर भी ड्राइवर नहीं माना और डूबी रपट में उतार दी वैन, जिद में बह गई 4 जिंदगियां

People stopped but still did not consider the driver and van landed in the immersed report, 4 lives were washed away in stubbornness | लोगों ने रोका फिर भी ड्राइवर नहीं माना और डूबी रपट में उतार दी वैन, जिद में बह गई 4 जिंदगियां


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देवास8 घंटे पहले

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  • कमलापुर के पास उफनते डेहरिया नाले में बही वैन, दाे की माैत, दाे देर रात तक नहीं मिले, एक बचा

रपट पर पुर का पानी हाे तब पार ना करें….। ऐसे संकेतक आपने रास्ताें पर कई जगह देखे हाेंगे। हमें ऐसा क्याें नहीं करना चाहिए, यह साेमवार काे कमलापुर और हाटपिपल्या के बीच डेहरिया नाले पर हुई वैन बहने की घटना ने एक बार फिर सिखाया। दाेपहर के 3 बजे थे, जंगल में तेज बारिश हाेने से नाला उफान पर था। रपट के दाेनाें किनाराें पर लाेग पानी उतरने का इंतजार कर रहे थे। तभी हाटपिपल्या तरफ से एक वैन आई। चालक पप्पू राठाैर ने चिल्लाते हुए किनारे पर खड़े लाेगाें काे हटाया। कहने लगा अपनी-अपनी बाइक हटाओ, मैं कमलापुर का रहने वाला हूं। अपनी गाड़ी निकाल ले जाऊंगा। मुझे मालूम है यहां कितनी गहराई है। लाेग राेकते रहे लेकिन पप्पू नहीं माना।

आधे रास्ते पहुंचा कि वैन रपट से नीचे गिरी और नाले में पानी के साथ बहने लगी। बहती हुई वैन से बाहर निकलने के लिए जब पप्पू ने गेट खाेलने की काेशिश की ताे नहीं खुले। वह उन्हीं लाेगाें काे बहती हुई वैन से हाथ देकर मदद के लिए पुकारता रहा, जिन्हें वह चिल्ला कर हटा रहा था। सुनील चैनसिंह सेंधव, देवकरण सिंह और गजराज सिंह पानी में कूदे और वैन की तरफ बढ़े लेकिन बहाव इतना तेज था वैन तक पहुंचते उससे पहले ही वह बहुत दूर चली गई। बाद में जब तलाश की गई ताे पप्पू का शव रपट से करीब 750 मीटर दूर एक पेड़ में फंसा मिला। (घटनाक्रम प्रत्यक्षदर्शियाें ने अनुसार)

वैन में जिस महिला रेखाबाई काे इलाज के लिए हाटपिपल्या ले गए थे, उनका शव भी घटनास्थल से 600 और वैन से 400 मीटर दूर एक पेड़ में फंसा हुआ मिला। कस्तुरीबाई और बाबूलाल रात तक नहीं मिले। मंगलवार सुबह से फिर ढूंढेंगे।

यहीं पर पिछले साल भी दो लोग बहे थे जिन्हें बड़ी मशक्कत से निकाला था; इसी साल जून में आमलाताज में बहे दंपती की हो गई थी मौत

इसी रपट पर पिछले साल 8 सितंबर काे दाे लाेग बह गए थे, जिन्हें बड़ी मशक्कत के बाद लाेगाें ने निकाला था। इसी साल जून के महीने में आखिरी सप्ताह में आमलाताज में दंपति बह गए थे, जिनकी माैत हाे गई। जिले में ऐसे 16 स्पाॅट है, जहां पानी पुर पर आने से रास्ते बंद हाेते हैं। सवाल यह है कि यहां पुल क्याें नहीं बनाए जा रहे हैं। इस पर स्थानीय बागली विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे का कहना है जिन जगहों पर रपट बनी हुई हैं, वहां पुल के बनाने के लिए मुख्यमंत्री से मिलकर निवेदन करूंगा। मुझे घटना का दुख है। मुख्यमंत्री से बात कर मृतकों के परिवार को सहयोग राशि दिलवाने का प्रयास करूंगा।

रपटों पर लगाने चाहिए बैैरियर

ऐसे स्थानाें पर पानी हाेने पर बैरियर लगाकर एक व्यक्ति की ड्यूटी लगाई जाती है लेकिन बागली क्षेत्र में कई जगह ऐसे स्थान होने के बावजूद भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। साेमवार काे भी डेहरिया नाले पर काेई नहीं था, अन्यथा वैन काे राेक लिया गया हाेता। घटना के बाद चौकी प्रभारी सुरभि सिंह चौहान पहले पहुंची। उसके बाद एसडीओपी एसएल सिसाैदिया और फिर एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा भी मौके पर पहुंचे। हाटपिपल्या थाना प्रभारी पंकज द्विवेदी भी मय बल के पहुंचे। राजस्व विभाग से पटवारी देवप्रसाद यादव ही पहुंचे।

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