MP News: 90 फीसदी मामलों में बेअसर दिखा रेमडेसीविर, अब डॉक्टरों को प्रोटोकॉल पर चलने के निर्देश

MP News: 90 फीसदी मामलों में बेअसर दिखा रेमडेसीविर, अब डॉक्टरों को प्रोटोकॉल पर चलने के निर्देश


रेमडेसीविर इंजेक्शन को लेकर एमपी सरकार ने डॉक्टरों को प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए.

कोरोना संक्रमण को रोकने में कारगर मानी जाने वाली रेमडेसीविर इंजेक्शन को लेकर अब सरकार ने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. रेमडेसीविर इंजेक्शन का इस्तेमाल विशेष परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए, लेकिन कोरोना के हर मरीज को रेमडेसीविर का इंजेक्शन लगाना गलत है.


  • Last Updated:
    April 10, 2021, 10:18 PM IST

भोपाल. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) को रोकने में कारगर मानी जाने वाली रेमडेसीविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) को लेकर अब सरकार ने दिशा निर्देश जारी किए हैं. सरकार के मुताबिक, रेमडेसीविर इंजेक्शन का इस्तेमाल विशेष परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए, लेकिन कोरोना के हर मरीज को रेमडेसीविर का इंजेक्शन लगाना गलत है. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने कहा है कि MP में ऐसे मरीजों की मौत हुई है जिन्हें रेमडेसीविर इंजेक्शन लगा था. यह इंजेक्शन जीवन रक्षक नहीं है बल्कि विशेष परिस्थितियों में ही इसका इस्तेमाल होना चाहिए.

प्रदेश में कोरोना के मरीज 10 फीसदी ऐसे होंगे जिन्हें रेमडेसीविर इंजेक्शन की जरूरत होगी. बाकी 90 फ़ीसदी मरीजों को इसकी जरूरत नहीं होती है और इसके लिए राज्य सरकार ने इंडियन मेडिकल काउंसिल (IMC) को भी दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिसमें कहा गया है कि इसको लेकर WHO की गाइडलाइन का पालन किया जाए और रेमडेसीविर इंजेक्शन जरूरी कोरोना पीड़ित को ही दिया जाए. जिसको इनकी वाकई में जरूरत है.

वहीं रेमडेसीविर इंजेक्शन के इस्तेमाल को लेकर गांधी मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के डॉक्टर देव पुजारी ने कहा है कि कोरोना मरीज को विशेष परिस्थिति में ही इंजेक्शन दिया जाना चाहिए. हर एक को नहीं. सभी मरीज को रेमडेसीविर इंजेक्शन देना गलत धारणा है. ऐसे मरीज को तेज बुखार है. जिनका बुखार लगातार बना हुआ है. लंग्स प्रभावित हैं, ऑक्सीजन की रिक्वायरमेंट लगातार बढ़ रही हो. ऐसे ही मरीजों को रेमडेसीविर का इंजेक्शन लगाया जाना चाहिए. जनधारणा गलत हो गई है और हर कोई रेमडेसीविर इंजेक्शन को लगाकर अपने को सुरक्षित मान रहा है. इसके लिए जो प्रोटोकॉल है उसका पालन हर एक डॉक्टर को करना चाहिए.

एम्स के ट्रीटमेंट प्रोटोकोल के तहत रेमडेसीविर इंजेक्शन का इस्तेमाल होगाACS मोहम्मद सुलेमान ने कहा है कि सरकार एम्स के ट्रीटमेंट प्रोटोकोल के तहत अब रेमडेसीविर इंजेक्शन का इस्तेमाल करेगी. इस को लेकर सरकार ने टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है । लेकिन फिलहाल कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत इंजेक्शन ले कर अस्पतालों में पहुंचाए जा रहे हैं. ताकि जरूरतमंद मरीजों को इंजेक्शन लग सकें. सुलेमान के मुताबिक, अब तक सरकारी अस्पतालों में इस इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं हो रहा था, लेकिन अब एम्स की गाइडलाइन के तहत इस इंजेक्शन का इस्तेमाल हो सकेगा.

रेमडेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने पर होगी कार्रवाई

वहीं प्रदेश सरकार ने अब राज्य में ऑक्सीजन और रेमडीसीवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का ऐलान किया है. प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि कहीं भी ऑक्सीजन और रेमडेसीविर इंजेक्शन का भंडारण या कालाबाजारी नहीं हो सकेगी. यदि ऐसा होता है तो उनके खिलाफ एक्शन होगा.









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