भोपाल गैस त्रासदी के लिए आजतक किसी को नहीं ठहराया जिम्मेदार: पूर्व ब्रिटिश उच्चायुक्त | britain – News in Hindi

भोपाल गैस त्रासदी के लिए आजतक किसी को नहीं ठहराया जिम्मेदार: पूर्व ब्रिटिश उच्चायुक्त | britain – News in Hindi


भोपाल गैस त्रासदी में 3700 लोग मारे गए थे. (File Photo)

भोपाल गैस कांड (Bhopal Gas Tragedy) पर ब्रिटेन की पर्यावरण एजेंसी के प्रमुख वर्ष 1984 से लेकर आज तक भोपाल गैस त्रासदी के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया (No One Responsible for Accident) गया है.

लंदन. भोपाल गैस कांड (Bhopal Gas Tragedy) पर ब्रिटेन की पर्यावरण एजेंसी के प्रमुख वर्ष 1984 से लेकर आज तक भोपाल गैस त्रासदी के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया (No One Responsible for Accident) गया है. इस घटना में 3700 से ज्यादा लोग मारे गए थे. ब्रिटेन की पर्यावरण एजेंसी प्रमुख जेम्स बेवन ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी विफल इंतजाम (Failed Regulation) का एक सटीक उदहारण है.

लंदन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में की गई टिप्पणी

भारत के पूर्व ब्रिटिश उच्चायुक्त और अब ब्रिटिश पर्यावरण एजेंसी के प्रमुख जेम्स बेवन आजकल पर्यावरण काम कर रहे हैं. जेम्स बेवन मंगलवार को लंदन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में दिए एक भाषण में अच्छे इंतजामों (good regulation) के महत्त्व पर रोशनी डाली. भोपाल गैस कांड का उदाहरण देते हुए बेवन ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी के उदाहरण से हम यह समझ सकते हैं कि फ़ैक्ट्री आदि में अच्छे इंतजाम न केवल लोगों को सुरक्षित रखते हैं बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान से बचाते हैं.

शहर में रसायन उत्पादन की फैक्ट्री कैसे लगाई जा सकती है?बेवन ने कहा कि आप एक ऐसे शहर की कल्पना कीजिये जहाँ सैंकड़ों लोग रहते हों और उस शहर के बीचोंबीच एक विशाल इंडस्ट्रियल प्लांट लगा हुआ है जिसमें रसायनों का उत्पादन होता है. एक रात प्लांट में एक विस्फोट हुआ और उस प्लांट से निकली एक जानलेवा गैस शहर और शहर में सोते हुए लोगों पर जानलेवा असर करती है और अगली सुबह तक उस जहरीली गैस से हजारों लोग मारे जाते हैं.

बेवन ने लिया था भोपाल का जायजा 

बेवन ने एक बार भोपाल शहर की स्थिति का जायजा भी लिया था जिसका जिक्र उन्होंने अपने भाषण में करते हुए कहा कि भोपाल असफल इंतजामों का एक पाठ्यपुस्तक में दर्ज उदाहरण की तरह है. एक खतरनाक औद्योगिक संयंत्र को दुनिया में सबसे अधिक घनी आबादी वाले शहरों में से एक के बीच में बिना किसी उचित जांच और सावधानियों की फ़िक्र किये बगैर संचालित करने की अनुमति दी गई थी. बेवन ने भोपाल का उदाहरण देते हुए कहा कि क्यों वे उन रेगुलेशन पर यकीन करते हैं जिनमें अपराधियों को दंडित करने के लिए पर्याप्त शक्ति या अधिकार होते हैं. सही तरह के इंतजामों पर बेवन ने उदाहरण दिया कि किस तरह इंग्लैंड के पर्यावरण में रेगुलेशन ने बड़ा बदलाव किया है.

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वर्ष 1984 की 2 और 3 दिसंबर की रात को यूनियन कार्बाइड के संयंत्र से लीक होने वाले रासायनिक मिथाइल आइसोसाइनेट के कारण यह दुर्घटना घटी थी जिसमें कम से कम 3,700 लोग मारे गए थे और हजारों लोग घायल हुए थे. इस घटना के बाद भी लोग और पैदा होने वाले बच्चे इस के प्रभाव से बच नहीं सके थे. बहुत लोगों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था.





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