ऑक्सीजन की खपत बढ़ी: अब व्यवस्था ही वेंटिलेटर पर ऑक्सीजन खत्म होने का बढ़ा डर

ऑक्सीजन की खपत बढ़ी: अब व्यवस्था ही वेंटिलेटर पर ऑक्सीजन खत्म होने का बढ़ा डर


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रतलामएक मिनट पहले

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  • निजी कोविड अस्पताल से मेडिकल कॉलेज रेफर करने वाला इलाज बचा, कॉलेज में एक भी ऑक्सीजन बेड नहीं

हमारे शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर आ चुकी है… प्रार्थना करें कि ऑक्सीजन चलती रहे…। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ऑक्सीजन खत्म होने का डर डॉक्टरों को भी सता रहा है। ऐसे में निजी कोविड अस्पताल से मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर करना शुरू कर दिया है। हाल ऐसा था कि गुरुवार शाम तक तो मेडिकल कॉलेज में एक भी ऑक्सीजन बेड खाली नहीं था, जो चिंता की बात है।
शहर में गुरुवार को भी ऑक्सीजन की मारामारी जारी रही। मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई तो थी लेकिन डॉक्टरों को अगली खेप की चिंता थी। ऐसा इसलिए क्योंकि कॉलेज की लिक्विड ऑक्सीजन खत्म होने की कगार पर आ चुकी है और 450 सिलेंडर ही बचे हुए हैं। जबकि गुुरुवार शाम तक कॉलेज में 491 मरीज भर्ती हो गए थे। शहर विधायक सहित पूरा प्रशासनिक अमला ऑक्सीजन के इंतजाम में जुटा रहा। इधर निजी कोविड अस्पताल में भी ऑक्सीजन का संकट खड़ा हो गया।
जरूरत 75 सिलेंडर की, 15 सिलेंडर ही मिले
बंजली स्थित आयुष ग्राम से भी गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर होने का कह दिया। कारण था आयुष ग्राम को 15 सिलेंडर ऑक्सीजन मिली, जबकि, संचालक 75 से 90 सिलेंडर की जरूरत बता रहे है। मरीजों के परिजन को ऑक्सीजन की स्थिति के बारे में बता दिया गया। कॉलेज से 12 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया, वहीं, 3 मरीजों को अन्य अस्पताल में रेफर कर दिया, ताकि वे सेफ जोन में रहें।
डर की तस्वीर… मेडिकल कॉलेज के बाहर परिजन के लिए टेंट कुर्सियां लगाईं… वह भी फुल, इलाज के लिए लगा रहे गुहार

रतलाम | मेडिकल कॉलेज के बाहर ऐसा दृश्य होगा किसी ने ना सोचा था… इन लोगों के परिजन कॉलेज में इलाज ले रहे हैं। परिजन को धूप ना लगे, इसलिए टेंट व कुर्सियां लगाई गई हैं लेकिन, वह कुर्सियां भी फुल हो गईं। परिजन को सामान देने के साथ ही इंक्वायरी के लिए गुरुवार को लंबी कतार लगी रही। इधर, कुछ मरीजों का आरोप यह भी था कि उन्हें रिपोर्ट नहीं मिल रही, इसलिए इलाज भी शुरू नहीं किया जा रहा है। हालांकि, कॉलेज के अधीक्षक डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने अपील की है कि मेडिकल कॉलेज कोविड अस्पताल है, ऐसे में लक्षणों के आधार पर इलाज हो रहा है। रिपोर्ट पॉजिटिव है… या निगेटिव। यदि लक्षण है तो उसी आधार पर तत्काल उनका इलाज शुरू कर दिया जाता है, इसलिए परेशान ना हों।

निजी अस्पताल संचालक बोले – अब रेफर कर रहे

^मरीजों के परिजनों को वास्तविक स्थिति बता रहे है, हमारे पास दूसरा रास्ता नहीं है। कोशिश है कि गंभीर मरीज तो कम से कम सेफ जोन में रहे। 75 से 90 सिलेंडर की जरूरत है, सिर्फ 15 सिलेंडर मिले हैं जो कुछ घंटों में खत्म हो जाएंगे। मरीजों को जीएमसी या इंदौर रेफर कर रहे हैं। डॉ. राजेश शर्मा, निजी अस्पताल संचालक

शत-प्रतिशत ऑक्सीजन बेड फुल हो गए
^ऑक्सीजन को लेकर डर बना हुआ है। गुरुवार को कॉलेज में 100% ऑक्सीजन बेड फुल हो गए है। लिक्विड ऑक्सीजन बहुत कम बची है, ऐसे में सभी लोग ऑक्सीजन मंगवाने के लिए प्रयास कर रहे है। यदि लिक्विड ऑक्सीजन खत्म होती है तो 450 सिलेंडर है।
डॉ. जितेंद्र गुप्ता, अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज

ऑक्सीजन की कमी : कोई रेफर हो रहा… किसी ने कहा हम करेंगे ऑक्सीजन की व्यवस्था

  • निजी अस्पताल में रतलाम के जैन समाज के एक 45 साल के युवक भर्ती थे। अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन की कमी होने की बात मरीज के परिजनों को कही। परिजन मरीज के लिए बेड का इंतजाम करने में जुट गए। इंदौर के बड़े अस्पताल में 1 बेड मिला। मरीज रेफर हो गए।
  • रतलाम निवासी मुस्लिम समाज के 65 साल के एक बुजुर्ग के सामने भी यही परेशानी थी। बुजुर्ग की पत्नी को भी कोविड हुआ था, पत्नी तो अब ठीक हो चुकी लेकिन, पति ऑक्सीजन पर है। प्रबंधन ने ऑक्सीजन की कमी की बात परिजनों को कही, रेफर करने का कहा। हालांकि, परिजनों ने खुद ऑक्सीजन का इंतजाम करने का दावा किया। शाम तक मरीज अस्पताल में ही भर्ती थे।
  • रतलाम के ही एक अन्य 65 वर्षीय मरीज बंजली के निजी अस्पताल में भर्ती हैं। मरीज की बेटी ने भास्कर को बताया उनके पिता सीरियस कंडीशन में आए थे। ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा था, अब स्टेबल है। हॉस्पिटल से ऑक्सीजन की कमी होने की बात कही है। हमने खुद ही ऑक्सीजन का इंतजाम करने का कहा। अन्य अस्पतालों में बेड की भी मशक्कत है, नहीं ले जाना चाहते।
  • यह केस नीमच का है। 40 साल के युवक बंजली के अस्पताल में भर्ती है। लंग्स इंफेक्शन होने से मरीज को लगातार ऑक्सीजन लग रही है लेकिन, कंडीशन को देखते हुए प्रबंधन ने ऑक्सीजन की कमी की सूचना दे दी। शाम तक मरीज को रेफर करने की प्रक्रिया जारी थी।

लिक्विड ऑक्सीजन नहीं मिलने से प्लांट बंद
^लिक्विड ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण हमारा प्लांट शुरू नहीं हो सका है। सभी लिक्विड ऑक्सीजन के लिए प्रयास कर रहे हैं। हमारी भी लगातार चर्चा हो रही है। शाम तक ऑक्सीजन नहीं मिली है। जब तक लिक्विड नहीं मिलता, प्लांट शुरू नहीं कर सकते।
संतोष पितलिया, महावीर ऑक्सीजन प्लांट

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