Tesla को लेकर नितिन गडकरी ने कही ये बात, जानिए इससे इन्वेस्टमेंट पर कैसा पड़ेगा असर

Tesla को लेकर नितिन गडकरी ने कही ये बात, जानिए इससे इन्वेस्टमेंट पर कैसा पड़ेगा असर


नितिन गडकरी ने टेस्ला को दिया सुझाव.

गडकरी ने कहा, ‘वे अन्य देशों के मुकाबले यहां से काफी वाहनों को निर्यात कर सकते हैं. यह आर्थिक रूप से उनके लिये व्यवहारिक होगा.

नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत जिस तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दे रहा है, उसको देखते हुए बिजली से चलने वाली कार बनाने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला के लिये यहां कारखाना लगाने के लिये एक सुनहरा अवसर है. सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) मंत्री गडकरी ने ‘रायसीना वार्ता’ के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि टेस्ला भारत की वाहन मैन्युफैक्चरर से कल-पुर्जे ले रही है और यहां अपना केंद्र स्थापित करना उसके लिये आर्थिक रूप से व्यवहारिक होगा.

गडकरी ने टेस्ला को दिया ये सुझाव- मंत्री ने कहा, ‘‘मैं उन्हें (Tesla) सुझाव दूंगा कि भारत में कारखाना शुरू करने का यह सुनहरा अवसर है क्योंकि जहां तक वाहनों के कल-पुर्जों का सवाल है, टेसला पहले से भारतीय मैन्युफैक्चरर से उपकरणों की खरीद कर रही है.’ उन्होंने कहा कि इसके साथ टेसला के लिये भारतीय बाजार अच्छा होगा.

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जल्द ही टेस्ला भारत में शुरू करेगी अपना प्रोडक्शन – गडकरी ने भरोसा जताया कि भारतीय उत्पादों में सुधार को देखते हुए अगले दो साल में भारत टेस्ला के स्तर का इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की स्थिति में होगा. उन्होंने कहा, ‘अत: यह टेस्ला के हित में है. मैं उन्हें सुझाव दूंगा कि आप जितनी जल्दी हो, यहां मैन्युफैक्चरिंग शुरू कीजिए.’मंत्री ने कहा कि जहां तक कहीं और मैन्युफैक्चरिंग और भारत में केवल मार्केटिग की बात है, आप इसके लिये स्वतंत्र हैं. ‘लेकिन अगर आप यहां मैन्युफैक्चरिंग करते हैं, भारत में हम आपकी मदद करेंगे.’ उन्होंने यह भी कहा कि टेस्ला इंडस्ट्राी कॉम्पलैक्स बना सकती है और अपने खुद का ‘वेंडर’ विकसित कर सकती है.

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टेस्ला का एक्सपोर्ट करने में मिलेगी सहूलियत- गडकरी ने कहा, ‘वे अन्य देशों के मुकाबले यहां से काफी वाहनों को निर्यात कर सकते हैं. यह आर्थिक रूप से उनके लिये व्यवहारिक होगा.’ उन्होंने कहा कि सरकार का ई-वाहनों पर विशेष जोर है. मंत्री ने कहा कि शुरूआती चरण में टेस्ला बेंगलुरू, दिल्ली और मुंबई से मार्केटिग शुरू करना चाहती है.

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में अगले पांच साल में ई-वाहन क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश बनने की क्षमता है.









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