12 परिवारों की उम्मीदें ऑक्सीजन के साथ खत्म: छोटे भाई की तड़प- ऑक्सीजन कम हो रही थी, मेरे सामने बड़े भाई समेत कई मरीजों ने छटपटाते हुए दम तोड़ दिया, मैं कुछ नहीं कर पाया

12 परिवारों की उम्मीदें ऑक्सीजन के साथ खत्म: छोटे भाई की तड़प- ऑक्सीजन कम हो रही थी, मेरे सामने बड़े भाई समेत कई मरीजों ने छटपटाते हुए दम तोड़ दिया, मैं कुछ नहीं कर पाया


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Younger Brother’s Pain Oxygen Was Decreasing, In Front Of Me, Elder Brother Was Splashing; I Couldn’t Do Anything Shadol Medical College

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

शहडोल8 मिनट पहले

मध्यप्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज में रोने की आवाजें मौतों की गवाही दे रही हैं। यहां लापरवाह सिस्टम की भेंट चढ़े 12 गंभीर संक्रमितों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। घटना के समय कुछ परिजन आईसीयू में मास्क दबा कर ऑक्सीजन देने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन मशीन से ऑक्सीजन ही नहीं आ रही थी। उन्होंने आंखों के सामने अपनों को दम तोड़ते देखा।

अनूपपुर जिले के कोतमा से कोरोना पॉजिटिव बड़े भाई का इलाज कराने रवि कुमार जायसवाल आए थे। उन्होंने कहा- मेरे बड़े भाई 38 साल के थे। आईसीयू में इलाज करवा रहे थे। रिकवर हो गए थे। ऑक्सीजन में थे। जब मैं रात को गया तो मशीन में ऑक्सीजन नहीं आ रही थी। मेरे सामने छटपटा रहे थे। कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गई। मैं कुछ भी नहीं कर पाया। मेरे सामने ही कई अन्य मरीज भी खत्म हो गए।

यह दर्द सिर्फ रवि कुमार जायसवाल का ही नहीं है। अपने परिजन की मौत पर फिरोज खान बदहवास हो गए। उन्होंने कहा- 10 दिन से आईसीयू में भर्ती थे। रात 12 बजे अच्छे से खाना खिलाकर गए थे, वे आराम कर रहे थे। सुबह आईसीयू पहुंचे तो पता चला, नहीं रहे। गार्ड ने बताया ऑक्सीजन खत्म हो गई थी।

सुबह 4 हल्ला मचा, अंदर गया तो भाई की बॉडी ठंडी पड़ी थी

शहडोल के धनपुरी से प्रेम केवलानी अपने संक्रमित छोटे भाई कमल केवलानी के इलाज के लिए आए थे। उन्होंने बताया कि देर शाम ऑक्सीजन का लेवल देखा तो 91 प्रतिशत था। सुबह 4 बजे हल्ला को गया कि ऑक्सीजन खत्म होने से कई मौतें हो गई। तब किसी को अंदर जाने नहीं दे रहे थे। किसी तरह अंदर पहुंचा तो देखा कि छोटे भाई कमल केवलानी की बॉडी ठंडी थी। और एक नहीं कई बाॅडी ऐसी ही थीं। पूरी लापरवाही शासन की है। छोटा भाई शनिवार रात 9 बजे बिल्कुल स्वस्थ था। आज हमारे बीच नहीं है।

कमल केवलानी ने अपने भाई के खोने का दर्द बयां किया।

शहडोल में ऑक्सीजन की कमी से 12 मरीजों की मौत:तड़प रहे मरीजों को मास्क दबाकर ऑक्सीजन देने की कोशिश करते रहे परिजन; 6 घंटे में 12 गंभीर संक्रमितों ने दम तोड़ा

सिलेंडर कम पड़ गए

अस्पताल में सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम के माध्यम से आईसीयू के 62, ऑक्सीजन सपोर्टेड 80 और 18 एलडीयू में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। मेडिकल कॉलेज में सभी बेड फुल हैं। सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम में सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई। इसमेंं ऑक्सीजन का प्रेशर कम हो गया। प्रेशर कम होने के बाद मरीजों को जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन नहीं मिली और जान चली गई।

सुबह जहां से ऑक्सीजन सिलेंडर मिला, वहां से भाग कर लाया गया।

सुबह जहां से ऑक्सीजन सिलेंडर मिला, वहां से भाग कर लाया गया।

शहडोल में 12 मौतों का सच:रात 11 बजे ऑक्सीजन सिलेंडर का ट्रक पहुंचना था, दमोह में खराब हो गया और मरीजों ने दम तोड़ दिया

रात तक नहीं आए लिक्विड ऑक्सीजन पिलर

हमारे यहां 10 केएलडी क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट लगा है। इसमें शनिवार शाम से ही ऑक्सीजन कम होने लगा था। इसके लिए लिक्विड ऑक्सीजन पिलर मंगवाई गई थी। प्रशासन ने कहा, शाम को आएगा। फिर बताया गया कि रात को आएगा। दो बजे तक नहीं आया। सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन दिया गया था। मौतों के कारणों की जांच कराई जा रही है।

डॉ. मिलिंद शिरालकर, डीन शहडोल मेडिकल कॉलेज

खबरें और भी हैं…



Source link