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- During The Corona Curfew, Weddings Will Now Be Held In Satna District Before 5 Pm, Read The Order Of The Collector
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सतना18 मिनट पहले
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- किसी ने कलेक्टर के आदेश को सही तो कई लोगों ने बताया गलत, शुभ मुहूर्त रात में तो दिन में कैसे बना देंगे पुरोहित
कोरोना कर्फ्यू के दौरान अब सतना जिले में शाम 5 बजे से पहले शादियां होंगी। अर्थात शुभ विवाह की प्रकियाएं अल सुबह से चालू होकर दोपहर होते-होते खत्म हो जाएंगी। फिर शाम को बरात की विदाई हो जाएगी। साथ ही शाम 5 बजे से पहले दुल्हन वर पक्ष के घर मतलब ससुराल पहुंच जाएगी। इस बाबत आदेश कलेक्टर द्वारा जारी किए गए है।
नए आदेश के मुताबिक प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना के संक्रमण को देखते हुए नई गाइड लाइन के तहत 1 मई से पहले होने वाले शादी-विवाह व मांगलिक कार्यों में वर पक्ष से 20 व वधू पक्ष से 20 मिलाकर कुछ 40 लोग शादी समारोह में शामिल होंगे।
मतलब घरात की ओर से नाई, पंडित, हलवाई व परिजनों को मिलाकर कुल 20 सदस्य मिलकर आयोजन करेंगे। वहीं बरात की ओर से डीजे, बैंड, बारात व दुल्हा सहित कुल 20 बराती थाने में सूचना देकर आएंगे। अगर उपर चीजे संख्या हुई तो आयोजनकर्ता को हवालात की हवा भी खानी पड़ सकती है।

सतना कलेक्टर द्वारा जारी किया गया आदेश
ये है शादी समारोह का नया आदेश
– शादी समारोह में पंडित, नाई सहित कुल 20 व्यक्ति ही सम्मलित हो सकेंगे।
– शादी समारोह दिन में शाम 5 बजे के पहले संपन्न कराना अनिवार्य होगा।
– इसके लिए पुरोहितों से चर्चा अनुसार प्रत्येक दिन शादी व्याह के लिए शुभ मुर्हूत दिन में उपलब्ध है।
– किसी भी तरह से बारात, जुलूस निकालना, सामूहिक कार्यक्रम आयोजित करना प्रतिबंधित रहेगा।
– डीजे, लाउडस्पीकर बजाना पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।
– उक्त आदेश का उल्लंघन करने की दशा में संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाएगी।
– साथ ही अस्थाई जेल भेजने की कार्रवाई की जा सकती है।
– दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधान अंतर्गत बंधपत्र निष्पादित कराया जाएगा।
आदेश को लेकर विरोध
कर्मकांडी पंडितों का कहना है कि सदियों से लेकर आज तक ज्यादातर शादी समारोह रात में ही होते आ रहे है। अगर कोरोना के कारण दिन में शादी का आदेश देना था तो न देते ज्यादा अच्छा होता। अब भला पुरोहित लोग कैसे दिन में शादी के लिए मार्गदर्शित कर सकते है। हालांकि जिनको अपना काम निकालना है या कि शादी बहुत ही अनिवार्य है तो वे पहले भी दिन में करते आ रहे है। लेकिन हिन्दू रीति रिवाज के हिसाब से दिन में शादी करने का आदेश देना जल्दबाजी है।