कालाबाजारी का असर: कोरोना के इलाज में जरूरी दवाओं की कमी, मेडिकल स्टोर से लौट रहे मरीजों के परिजन

कालाबाजारी का असर: कोरोना के इलाज में जरूरी दवाओं की कमी, मेडिकल स्टोर से लौट रहे मरीजों के परिजन


Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

होशंगाबाद38 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
  • जिले में मरीजों को नहीं मिल रही कोरोना के इलाज में दी जाने वाली दवाएं

जिले के मेडिकल स्टोर पर कोरोना संक्रमण को रोकने में कारगर महत्वपूर्ण दवाओं के ना मिलने से मरीजों के परिजन परेशान हैं। मेडिकल स्टोर संचालकों ने बताया कि पिछले करीब 15 दिनों से कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में सर्वाधिक कारगर दवाओं की बेहद कमी हो रही है। कालाबाजारी से जिले में मेडिकल स्टोर तक यह दवाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। इसका उदाहरण सिवनीमालवा की सुनीता है।

सुनीता के परिजन 2 दिन पहले सिवनीमालवा से उन्हें इलाज के लिए शहर लेकर आए थे, लेकिन शहर के एक भी अस्पताल में उन्हें बेड खाली नहीं होने से उपचार नहीं मिल सका, इसके बाद वे उन्हें घर वापस ले गए। सोमवार शाम उनकी मृत्यु हो गई। शहर के मेडिकल संचालकों ने बताया कि कोरोना के उपचार से संबंधित दवाओं के लिए सैकड़ों लोग चक्कर लगा रहे हैं।

सैंपल रिपोर्ट में देरी, सीटी स्कैन में भी भीड़
कोविड-19 के मरीजों को शुरुआत में कोविड जांच की रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। करीब 5 दिन से लेकर 8 दिन के बीच मरीज को रिपोर्ट मिलती है। इसके अलावा सीटी स्कैन सेंटर पर भी भीड़ लग रही है। जांच में देरी और सिटी स्कैन नहीं होने से मरीज की हालत और बिगड़ जाती है। रिपोर्ट आने के बाद अस्पतालों में बेड न होने की वजह से भर्ती होने की दिक्कत आती है। ऐसी स्थिति में मरीजों की हालात और भी बिगड़ रही है। प्रशासन के पास कोई डाटा नहीं है ना ही मरीजों के परिजनों वह मरीज को कॉल अटेंड करने की कोई गाइडलाइन का निर्धारण किया गया।

अगर अस्पताल में उपचार मिलता तो बच जाती जान
सिवनीमालवा की 42 वर्षीय महिला स्वर्गीय सुनीता गौर के परिजनों ने बताया कि उन्हें पिछले चार-पांच दिनों से हल्की सर्दी और बुखार हो रहा था। मेडिकल से दवाई लेकर तीन-चार दिन तक घर में ही खाई। जब स्थिति बिगड़ी तो होशंगाबाद निजी अस्पताल में लेकर आए। यहां किसी भी अस्पताल में बेड खाली नहीं मिले। सीटी स्कैन करवाने पर पता चला कि 70% इंफेक्शन हो चुका है यदि समय पर उपचार मिलता तो संभवत उनकी जान बच सकती थी।

मेडिकल स्टोर पर यह दवाएं नहीं मिल रही
मेडिकल स्टोर के संचालक सैयद आसिफ अली ने बताया उनके मेडिकल पर करीब 300 से 500 लोगों को कोविड-19 की महत्वपूर्ण दवाएं ना मिलने की वजह से लौटना पड़ रहा है। कोविड-19 से बचाव के लिए फ्लूगार्ड, फेविफीवर, रेमडेसिविर ,ऑस्टोमावर दवा नहीं मिल रही है।

दवाएं एंटीवायरल और एंटीबायोटिक है, जो इन्फेक्शन को रोकने में सहायक रहती है। हम भोपाल से दवाएं बुलाते हैं, लेकिन यह दवाएं हमें भोपाल में भी उपलब्ध नहीं हो रही है। मेडिकल संचालक अजय गौर ने बताया कि उपयुक्त दवा की कमी के कारण मरीजों को बहुत परेशानी हो रही है। बड़े शहरों में यह दवाएं कब जा रही है जो कि छोटे शहरों शहर तक नहीं पहुंच पा रही।

खबरें और भी हैं…



Source link