- Hindi News
- Local
- Mp
- Indore
- Indore Coronavirus Recovery Rate Update, Covid 19 News; 600 Patients Have Recovered From The Virus
इंदौर13 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
किसी व्यक्ति की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद रैपिड रिस्पांस टीम उसके घर का निरीक्षण करती है। टीम देखती है कि मरीज को रखने के लिए अलग कमरा हो जिसमें अटैच लैटबाथ हो।- फाइल फोटो
- होम आईसोलेट होने से मरीज के परिजन उसके आसपास ही होते हैं, जिससे उसका आत्मबल बढ़ता है, वह अवसाद में नहीं जाता और उसका रिकवरी रेट बढ़ जाता है
- मरीज को घर पर ही पर्याप्त और समूचित उपचार मिलता है, घर का बना पौष्टिक खाना भी उसे मिलता है जिसके चलते मरीज जल्दी ठीक हो जाता है
जिले में कोरोनावायरस के संक्रमण से पीड़ित मरीजों की संख्या 8159 पर पहुंच गई है। हालांकि, इसमें से 5771 कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक भी हो गए है, जो मरीज इस बीमारी से ठीक हो गए हैं, उनमें लगभग 600 मरीज ऐसे हैं जिनका उपचार होम आईसोलेट करके किया गया। अभी भी लगभग 400 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का उपचार उनके घरों में ही किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इंदौर जिले में कोरोना पॉजिटव आए एक हजार से ज्यादा मरीजों को होम आईसोलेट किया गया है। प्रतिदिन औसतन 20 मरीजों को उनके घरों में ही आईसोलेट किया गया। इन मरीजों पर मोबाइल एप 311 के माध्यम से निगरानी रखी जाती है। दिन में दो बार डॉक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा उनकी जांच करते है। पॉजिटिव मरीज को होम आईसोलेट करने से पहले रैपिड रिस्पांस टीम उसके घर का निरीक्षण करती है।
मरीज को घर पर ही पर्याप्त और समुचित उपचार मिलता है, घर का बना पौष्टिक खाना भी उसे मिलता है जिसके चलते मरीज जल्दी ठीक हो जाता है। होम आईसोलेशन टीम के चीफ को-ऑर्डिनेटर डॉक्टर हेमंत जैन के अनुसार अब तक होम आईसोलेट किए गए एक हजार से अधिक मरीजों में से मात्र 27 मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है। होम आईसोलेट होने से मरीज के परिजन उसके आसपास ही होते हैं, जिससे उसका आत्मबल बढ़ता है, वह अवसाद में नहीं जाता और उसका रिकवरी रेट बढ़ जाता है।
- किसी व्यक्ति की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद रैपिड रिस्पांस टीम उसके घर का निरीक्षण करती है
- टीम देखती है कि मरीज को रखने के लिए अलग कमरा हो जिसमें अटैच लैटबाथ हो
- घर का एक परिजन जो अटेंडर की भूमिका निभाए और 24 घंटे मरीज पर निगरानी रख सके
- मरीज को एक पल्स ऑक्सीमीटर भी उपलब्ध कराया जाता है
- अटेंडर के मोबाइल पर एप्लीकेशन 311 अपलोड की जाती है
- अटेंडर को हर चार घंटे में मरीज का ऑक्सीजन सैचुरेशन, पल्स रेट, हार्ट रेट, तापमान की जानकारी एप के माध्यम से कंट्रोल रूम में बैठी स्वस्थ्य विभाग की टीम को देना होती है
- मरीज की दवाओं की कीट उसके घर पर ही उपलब्ध कराई जाती है
- दवाओं में एलौपैथी और आयुर्वेदिक दवाइयों की अलग-अलग कीट होती है
- किसी भी आपात स्थिति में टीम तुरंत मरीज के घर पहुंचकर उसे अस्पताल में भर्ती करवाती है
0