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- Those Framing In Ujjain Said, More Frames Were Sold In April Than They Were Not Able To Sell In A Year.
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उज्जैनएक घंटा पहले
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कोरोना काल में मौत के आंकड़ों को लेकर सरकार कटघरे में है। उज्जैन की बात करें तो यहां अप्रैल में लगभग 130 मौत होना अफसर बता रहे हैं। हकीकत श्मशान में देखने को मिल रही है, जहां अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिलने पर सड़क पर ही शव जलाए जा रहे हैं। इसके अलावा फोटो फ्रेमिंग दुकानें तो बंद है लेकिन घर से काम चल रहा है। फ्रेमिंग करने वालों का कहना है कि सालभर में भी हम 8X12 की जितन फ्रेम नहीं बनाते थे, उससे ज्यादा अप्रैल में बनाकर दी है। 8X12 की फ्रेम में मरने वालों की फोटो फ्रेमिंग की जाती है।
देश भर में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के आंकड़े पर लगातार सवाल उठ रहे है। इधर सभी छोटे-बड़े शहरों में श्मशान में जल रही चिताएं ठंडी हो नहीं रही है कि उससे पहले नए शव जलने के लिए पहुंच रहे हैं। श्मशान में शवों को जलाने के लिए लाइन लग रही है। उज्जैन में भी अमूमन यही हाल है। श्मशान से शवों की आग निकल रही है। यहां काम करने वाले और आसपास के रहवासियों की माने तो रोजाना करीब 20 से 30 शव कोरोना प्रोटोकॉल के तहत जल रहे है। वहीं कुछ संदिग्ध को जहां जगह मिल रही वहां जला रहे है। आंकड़ों में उलझी सरकार की माने तो उज्जैन में अब तक 125 लोगों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल से हुआ से है।
फोटो फ्रेम बनाने वाले संतोष पंवार सहित अन्य व्यवसायी की मानें तो साल भर में जितनी 8 X 12 कीफोटो फ्रेम बनाते थे, उतनी तो अप्रैल माह में ही बना दी है। उज्जैन शहर में अलग अलग फ्रेम निर्माता है जो की शादी, शोक संवेदना और घर में लगने वाले फोटो पर फ्रेम बनाने का काम करते है। 12 अप्रैल से करीब 20 से अधिक फोटो फ्रेम की दुकानें जरूर बंद है लेकिन रोजाना हो रही मौतों के कारण 8 X 12 फ्रेम का काम बे हिसाब चल रहा है। दरअसल, मृतकों के फोटो पर लगने वाले फ्रेम का काम घर से पूरा कर के दे रहे हैं।
ऋषि नगर कॉलोनी में अपने घर से व्यवसाय संचालित करने वाले एसआर फोटो फ्रेम के संचालक संतोष पंवार का कहना है अभी ना कोई शादियां हो रही है और अन्य कार्यक्रम जो कि लोग अपने घरों में इस तरह की फ्रेम बनाएंगे। 12 अप्रैल से कोरोना कर्फ्यू लगाया गया जिसके बाद जितने भी फोटोग्राफर और अन्य लोग फ्रेम बनाने की दूकान या घरों पर पंहुच रहे है उनमे सभी मृतक के फोटो की फ्रेम के लिए आ रहे है। बीते कुछ दिनों में संतोष पंवार ने अपने घर से 150 से अधिक फ्रेम बना कर बेच दी है।
लाला बाईं फूल बाईं स्थित अशोक शर्मा (नर्मदा फ्रेम), फ्रीगंज में एवर ग्रीन और घास मंडी चौराहे पर दुकान संचालित करने वाले हरीश सोनी ने भी अब तक 300 से अधिक फ्रेम घर से बनाकर दी है। शहर के 5 व्यवसायी ने ही 450 से अधिक फ्रेम बेच चुके है। छोटी-छोटी दुकानें अलग है जहां से भी लोगों ने फ्रेम अपने मृतक परिजन के फोटो के लिए खरीदी होगी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की सरकारी आंकड़ों की उलझन में कई मौतें दब कर रह गई है।
सरकारी से आठ गुना ज्यादा आंकड़ा
उज्जैन में कोरोना से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। रोजाना हो रही मौतों को लेकर अगर सरकारी आकंड़े के बात की जाए तो 1 अप्रैल से 29 अप्रैल तक 39 मौत कोरोना से हो चुकी है। श्मशान में जल रही चिताओं के अनुसार ये आंकड़ा करीब आठ गुना ज्यादा है। जिनको संदिग्ध या संक्रमित होने के बाद भी निगेटिव बताकर अंतिम संस्कार कर दिया। उज्जैन में कई घरों में परिवार के परिवार खत्म हो रहे हैं। त्रिवेणी मोक्ष धाम में काम करने वाले निगमकर्मी राजेश ने बताया कि रोजाना 8 से 10 शव आ रहे है। मोती नगर के रहवासी कहते है कि दिन में 10 से 12 बार गाड़ियां शव लेकर आ रही है।