टीके के लिए कोरोना कर्फ्यू में चक्कर: मोबाइल में कंफर्मेशन आने पर घर से निकले, केंद्र पहुंचे तो सूची में नाम नहीं, बिना टीका लगवाए लौटे

टीके के लिए कोरोना कर्फ्यू में चक्कर: मोबाइल में कंफर्मेशन आने पर घर से निकले, केंद्र पहुंचे तो सूची में नाम नहीं, बिना टीका लगवाए लौटे


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होशंगाबाद3 घंटे पहले

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होशंगाबाद।18+ वैक्सीनेशन का रजिस्ट्रेशन होने के बाद कई लोगों के नाम लिस्ट में नहीं आ रहे हैं। कन्या स्कूल केंद्र पर लगी सूची में अपना नाम देखते हुए युवा। वैक्सीनेशन के लिए सुबह से लगती है कतार।

  • वैक्सीनेशन के सिस्टम में तकनीकी खामी, रजिस्ट्रेशन होने पर भी सूची में नहीं आ रहा नाम

18 प्लस वैक्सीनेशन के सरकारी सिस्टम में तकनीकी खामी कोरोना कर्फ्यू में टीका लगवाने के लिए घर के बाहर निकलने का जोखिम ले रहे लोगों को चक्कर खिला रही है। होशंगाबाद शहर में बने एकमात्र केंद्र कन्या हायर सेकंडरी स्कूल पर शनिवार को ऐसा ही हाल था। कई लोगों के साथ ऐसा हुआ कि उनके मोबाइल पर तो बुकिंग व स्लॉट का कन्फर्मेशन आ गया लेकिन जब वे टीका लगवाने केंद्र पर पहुंचे तो यहां पोर्टल से जारी सूची में नाम नहीं आया।

कई युवाओं के नाम पंजीयन के बाद भी वैक्सीन लगने वाली लिस्ट में नाम नहीं थे। इससे उनका टीकाकरण नहीं हो पाया। वे घंटों लाइन में लगे रहे और मायूस लौटना पड़ा। अब वे पूछ रहे हैं कि उन्हें कब वैक्सीन लगेगी। टीकाकरण अधिकारी नलिनी गाैड़ ने बताया कि हमारे पास यह समस्या आई है। यह तकनीकी खराबी है। आराेग्य सेतु एप में कुछ तकनीकी गड़बड़ी हाेेने से नाम नहीं आ रहे हैं।

विधायक से की शिकायत
सेंटर पर कुछ देर बाद विधायक डॉ सीताशरण शर्मा भी पहुंचे। युवाओं ने बताया ने अपनी समस्या बताई। डॉ. शर्मा ने कहा कि वह इस मामले की जानकारी लेंगे। सभी युवाओं को वैक्सीनेशन हो इसका प्रयास होगा।

मायूसी : सुबह 9 से 11 का स्लॉट दिया, केंद्र पर नाम नहीं
होशंगाबाद निवासी विक्रम तिवारी का स्लाट सुबह 9 से 11 बजे का ऑनलाइन सलाड बुक किया था पर जब वह केंद्र पर पहुंचे और लाइन में लगने के बाद वैक्सीन के लिए अंदर गए तो अंदर रूम में बैठे स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया उनका नाम लिस्ट में नहीं है इसलिए आपको वैक्सीन नहीं लग सकती है। हम केवल कंप्यूटर में जो लिस्ट है उसी के आधार पर वैक्सीनेशन कर रहे हैं आखिर में विक्रम तिवारी को वापस लौटना पड़ा। उन्हें वैक्सीन नहीं लग पाई।

सूची में नहीं, कम्प्यूटर में नाम
आदित्य जोशी का नाम वैक्सीनेशन की कन्या हाई सेकंडरी स्कूल में बाहर लगी लिस्ट में नहीं था, पर उन्होंने अंदर वैक्सीनेशन सेंटर में जाकर पता किया तो कम्प्यूटर में उनका नाम था और उन्होंने वहीं से अनुमति लेकर अपना वैक्सीनेशन कराया।

पति को लगा टीका, पत्नी को किया इंकार
रमनलाल और पत्नी पंजीयन के अनुसार वैक्सीनेशन कराने पहुंचे पर वैक्सीनेशन सेंटर पर रमनलाल का तो वैक्सीनेशन हो गया पर पत्नी का नहीं हो पाया। वैक्सीनेशन सेंटर पर तैनात कर्मचारियों ने बताया कि अभी आपका बच्चा छोटा है, इसलिए धात्री महिला होने के नाते वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती।

वैक्सीनेशन की यही रफ्तार रही तो सबको पहला डोज लगने में साढ़े 3 और दूसरा डोज लगने में साढ़े 6 साल लगेंगे
वैक्सीनेशन धीमी गति से चल रहा है। टीकों की सप्लाई नहीं मिलने से एक सप्ताह और रफ्तार नहीं बढ़ेगी। 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू हुआ था। 113 दिन हो चुके हैं। इस बीच जिले में कुल एक लाख 11 हजार 323 लोगों को पहला और 59 हजार 396 लोगों को दोनों डोज लगे हैं। जिले की आबादी 12 लाख 41 हजार 350 है। यही चाल रही तो पूरी आबादी को पहला डोज लगाने में साढ़े तीन साल और दोनों डोज लगाने में साढ़े छह साल लग जाएंगे।

9%आबादी को एक और 4.7% को दोनों डोज लगे
113 दिनों के वैक्सीनेशन में जिले में अब तक 9 प्रतिशत आबादी को भी पहला डोज नहीं लग पाया है। दोनों डोज तो 4.7 फीसदी जनसंख्या को लगे हैं।

कितने टीके किनको लगे

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