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सागर9 मिनट पहले
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आरेपी हर्षित केशरवानी
- स्टिंग करने वाले पुलिसकर्मी निगेटिव निकले, जेल की अलग बैरिक में आइसाेलेट है आरोपी हर्षित केशरवानी
काेराेना मरीजाें काे रेमडेसिविर इंजेक्शन कई गुना ज्यादा दाम पर बेचने वाला मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हर्षित केशरवानी खुद उसी बीमारी की चपेट में आ गया है। जेल में दाखिल करने से पहले उसका काेराेना टेस्ट कराया गया था। जिसकी रिपाेर्ट पाॅजीटिव आई है। गनीमत यह रही कि केंद्रीय जेल सागर में उसे अलग सेल में रखा गया था। जिससे काेई दूसरा कैदी व जेल कर्मी संपर्क में नहीं आ पाया। वहीं एमआर काे इंजेक्शन की कालाबाजारी करते रंगे हाथ पकड़ने के लिए स्टिंग में शामिल पुलिस कर्मी और उसके साथी का टेस्ट कराया गया है।
दाेनाें की रिपाेर्ट नेगेटिव आई है। इसी बीच साेमवार काे कैंट पुलिस ने आराेपी एमआर के खिलाफ रासुका के तहत भी कार्रवाई कर दी है। कैंट थाना प्रभारी समरजीत सिंह परिहार ने बताया कि एमआर केशरवानी खुद काेराेना संक्रमित हाे गया है। उसे जेल में अलग बैरिक में रखा गया है। उसके संपर्क में आए पुलिस कर्मियाें की रिपाेर्ट नेगेटिव आई है।
आराेपी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज करते हुए कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। आराेपी के खिलाफ पहले से धारा 188,420, धारा-3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम, धारा-53, 57 आपदा प्रबंधन अधिनियम,और धारा 3 महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज है। जानकारी के अनुसार रासुका के तहत कार्रवाई हाेने पर आराेपी काे जमानत मिल पाना मुश्किल हाेगा। अब हाईकाेर्ट इस मामले में सुनवाई कर सकता है।
भाजपा नेताओं से जुड़ाव के कारण उठ रहे थे सवाल
सदर निवासी एमआर का कुछ भाजपा नेताओं से जुड़ाव हाेने के कारण रासुका की कार्रवाई में देरी पर सवाल उठ रहे थे। इस संबंध में कैंट थाना प्रभारी परिहार का कहना है कि आराेपी के खिलाफ रासुका की कार्रवाई पहले से प्रस्तावित थी, लेकिन जाे प्रक्रिया अपनानी पड़ती है उसमें कुछ समय लग गया।
कैंट पुलिस अभी तक माेतीनगर थाना क्षेत्र के कृष्णा तिवारी तक नहीं पहुंच पाई। उससे एमआर की लिंक जुड़ी है। दाे इंजेक्शन एमआर ने कृष्णा काे बेचे थे, कृष्णा से पूछताछ के बाद ही संबंधित मेडिकल स्टाेर संचालक तक पुलिस पहुंच सकेगी।