इंसानियत के दुश्मनों के खिलाफ रासुका: शिवराज ने कहा- दवाई और इंजेक्शन में गड़बड़ी करने वाले इंसानियत के दुश्मन

इंसानियत के दुश्मनों के खिलाफ रासुका: शिवराज ने कहा- दवाई और इंजेक्शन में गड़बड़ी करने वाले इंसानियत के दुश्मन


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जबलपुर4 घंटे पहले

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

  • सीएम ने कहा, ऐसे लोगों को जानवर कहना जानवरों का अपमान होगा

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि दवाइयों और इंजेक्शनों में गड़बड़ी करने वाले इंसान कहलाने के लायक नहीं, ये हैवान हैं। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि ऐसे मामलों में लिप्त कोई भी व्यक्ति हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे इंसानियत के दुश्मनों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की जा रही है, साथ ही उनकी संपत्तियाँ भी राजसात की जाएँगी।

अपने अल्प प्रवास पर जबलपुर पहुँचे मुख्यमंत्री ने कलेक्ट्रेट में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि हाल के दिनों में दवाई और इंजेक्शनों में गड़बड़ी और कालाबाजारी के मामले सामने आए हैं, हम उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में चाहे कोई भी व्यक्ति हो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। उसके खिलाफ कठोर से कठोर सजा तय की जाएगी।

हाई लेवल टीम जाँच करेगी, रोज अपडेट चाहिए

सीएम ने कहा कि ऐसे मामलों के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की गई है। प्रदेश में जहाँ से भी गड़बड़ी आती है, उस पर सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि काफी कुछ अच्छे लोग भी हैं। चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ दिन-रात संक्रमण से जूझ रहे हैं हम उन्हें भगवान का दर्जा देते हैं।

संपत्ति भी राजसात करेंगे

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश में गड़बड़ी और कालाबाजारी के कई प्रकरणों पर रासुका के तहत कार्रवाई की जा रही है। हम इतने गंभीर मामलों में संलिप्त लोगों की संपत्तियाँ भी राजसात कराएँगे। श्री सिंह ने कहा कि इंसानियत के दुश्मनों को जानवर कहना भी जानवर का अपमान करना है।

प्रदेश में 1200 रेमडेसिविर किन मरीजों को लगे, किनकी मौत हो गई, जांच करेगी एसआईटी

राज्य सरकार ने नकली रेमडेसिविर मामले की जांच एसआईटी से कराने का फैसला लिया है। टीम मंगलवार को तय हो जाएगी। इंदौर ओर जबलपुर पुलिस एसआईटी के निर्देशन में अपनी जांच आगे करेगी। नकली रेमडेसिविर इंदौर में 700 ओर जबलपुर में 500 बेचे गए है।

प्रदेश में मरीजों को बेचने की संख्या 3 हज़ार से ज्यादा हो सकती है। अभी तो इनमें से कितने मरीजों को लग चुके है, ये साफ नहीं हो पाया है। इस बिंदु पर जांच होगी। पुलिस व्हाट्सएप ग्रुप की चेटिंग के आधार पर ये पता लगा रही हैं कि आखिर कितने मरीजों को इंजेक्शन लगे हैं। ये किन परिजनों ने 35 से 40 हज़ार रुपए में खरीदे हैं। अगर परिजन सामने आएंगे तो आरोपियों पर नई एफआईआर होगी।

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