चौंकिये मत यह मुक्तिधाम है: खूबसूरत इतना कि यहां पकनिक मनाने आते हैं लोग, देश का एकमात्र नागाजी मुक्तिधाम जो इंडिया रिकॉर्ड बुक में दर्ज

चौंकिये मत यह मुक्तिधाम है: खूबसूरत इतना कि यहां पकनिक मनाने आते हैं लोग, देश का एकमात्र नागाजी मुक्तिधाम जो इंडिया रिकॉर्ड बुक में दर्ज


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मुरैनाएक मिनट पहले

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नागाजी मुक्तिधाम में बनी ऊं की

  • डॉ. अनिल गुप्ता 25 वर्षों से कर रहे देख-रेख

मुरैना(पोरसा)। फल फूलदार हरे-भरे वृक्ष, आकर्षक कलाकृतियां, चारों तरफ रंगरोगन, बैठने के लिए सुन्दर जगह, हरी-भरी घास। चौंकिये मत, यह किसी पिकनिक स्पॉट की जगह नहीं है, बल्कि मुरैना के छोटे से कस्बे पोरसा का नागाजी मुक्तिधाम है। यह शायद देश का एकमात्र मुक्तिधाम होगा, जहां लोग पिकनिक मनाने आते हैं। इसके साथ ही यह देश का पहला मुक्तिधाम है जो प्रतिष्ठित इंडिया रिकॉर्ड बुक में वर्ष 2022 में दर्ज किया गया है।

मुक्तिधाम में बना झरना

मुक्तिधाम में बना झरना

आमतौर पर मुक्तिधाम में लोग जाने से परहेज करते हैं। केवल शव जलाने आते हैं। जब,घर लौटते हैं तो नहाते हैं। पोरसा का मुक्तिधाम एकमात्र ऐसा मुक्तिधाम हैं, जहां लोग पिकनिक मनाने आते हैं। कारण इसकी सुन्दरता तथा मनोरमता है। इसको इस तरह से संरक्षित व सुन्दर बनाया गया है कि इसकी सुन्दरता देखते ही बनती है। इसे मिनी उपवन की भूमिका दी गई है। लोग यहां आकर शांति व सुकून की सांस लेते हैं।

मुक्तिधाम में लगे औषधीय पौधे

मुक्तिधाम में लगे औषधीय पौधे

इंडिया रिकॉर्ड बुक के लिए वर्ष 2022 के लिए नामांकित
इस मुक्तिधाम की देखरेख डॉ.अनिल गुप्ता करते हैं। उनके द्वारा इसको इंडिया रिकॉर्ड बुक में दर्ज करवाने के लिए आवेदन किया गया है। इंडिया रिकॉर्ड बुक ने वर्ष 2022 के लिए मुक्तिधाम को रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया है। यह इस जिले के लिए गर्व की बात है।

मुक्तिधाम में बनी त्रिधूल की आकृति

मुक्तिधाम में बनी त्रिधूल की आकृति

हर औषधि के पौधे हैं मुक्तिधाम में
इस मुक्तिधाम में कई तरह की औषधियों के पौधे लगाए गए हैं। यहां पर ऊं की आकृति है। राम की आकृति, मां कीआकृति,कलश की आकृति तथा भगवान शंकर की मूर्ति बनी हुई है। यह आकृतियां यहां आने वाले दर्शकों का मन मोह लेती हैं।

मुर्किघाम में पक्षियों के लिए सकोरे लगाते डॉ. अनिल गुप्ता

मुर्किघाम में पक्षियों के लिए सकोरे लगाते डॉ. अनिल गुप्ता

बच्चों के लिए बने झूले
नागाजी मुक्तिधाम में बच्चों के खेलने के लिए झूले व सरकने वाली पट्‌टी बनाई गई है। गोवर्धन पर्वत से निकलता हुआ, झरना आकर्षण का केन्द्र है।

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