रेमडेसीविर की कालाबाजारी करने वालों पर लगेगी रासुका: कोतवाली पुलिस ने तैयार की रिपोर्ट, रिमांड खत्म होने पर मेल नर्स ओमप्रकाश भी गया जेल

रेमडेसीविर की कालाबाजारी करने वालों पर लगेगी रासुका: कोतवाली पुलिस ने तैयार की रिपोर्ट, रिमांड खत्म होने पर मेल नर्स ओमप्रकाश भी गया जेल


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छिंदवाड़ा14 मिनट पहले

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आरोपियों से जप्त किए गए इंजेक्शन के वायल

  • छिंदवाड़ा के बालाजी अस्पताल से चोरी कर कर बेची जा रही थी इंजेक्शन

छिंदवाड़ा। बालाजी अस्पताल के मरीजों को लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन वॉयल को चुराकर बाजार में बेचने वाले मेल नर्स को जेल भेज दिया गया है, उसने अस्पताल से पांच नहीं, बल्कि छह वॉयल चुराए थे, जिसे वो तीस हजार रुपए प्रति इंजेक्शन के हिसाब से बेचने वाला था। लेकिन एक इंजेक्शन फूटने के बाद वो पांच को बेचने की फिराक में था, इसके पूर्व ही कोतवाली पुलिस के हत्थे चढ़ गया। यहां बता दें कि एक दिन पूर्व कोतवाली पुलिस ने मुखबिरी के बाद बालाजी अस्पताल के मेल नर्स चंदनगांव यादव कॉलोनी निवासी ३० वर्षीय ओमप्रकाश पिता करण नागवंशी, उसके साथी नरसिंगपुर नाका निवासी अखिलेश पिता कैलाश शर्मा और रावनवाड़ा ढाला निवासी राजा पिता प्रहलाद तिवारी रेमडेसिविर इंजेक्शन को ब्लैक में बेचते हुए पकड़ा था, जिनके पास से पांच वॉयल बरामद किए गए थे। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ धारा 3/7 अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम, 51 (बी) आपदा प्रबंधन अधिनियम, तीन महामारी अधिनियम और धारा 188, 268, 369, 201, 34 भादवि के तहत प्रकरण दर्ज कर ओमप्रकाश को रिमांड पर लिया गया था, जिससे पूछताछ में छह इंजेक्शन चुराने की बात सामने आई है। इसके बाद उसे रिमांड खत्म होने पर देर शाम जेल भेज दिया गया। कोतवाली टीआई मनीष राज सिंह भदौरिया ने बताया कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्यवाही की तैयारी की जा रही है।

रासुका के तहत भी होगी कार्यवाहीकोतवाली पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के वॉयल की कालाबाजारी के मामले में जिन तीन युवकों मेल नर्स ओमप्रकाश नागवंशी, अखिल शर्मा और राजा तिवारी को गिरफ्तार किया है, उनके खिलाफ अब रासुका के तहत कार्यवाही की तैयारी की जा रही है। टीआई श्री भदौरिया के अनुसार ओमप्रकाश के खिलाफ राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रकरण तैयार कर लिया गया है, जिसे कलेक्टर के पास गुरुवार को प्रस्तुत किया जाएगा, जबकि दो अन्य पर भी रासुका की कार्यवाही होगी।अस्पताल को कैसे मिल क्लीनचिटइस पूरे मामले में पुलिस की कार्यवाही तारिफ के काबिल है, लेकिन एक सवाल ये उठता है कि आखिर अस्पताल प्रबंधन केा क्लीनचिट क्यों? दरअसल प्रबंधन की जिम्मेदारी बनती है कि वहां भर्ती हर मरीज को लिखी जाने वाली दवा सहीं वक्त पर मिले, लेकिन वहां का कर्मचारी ही दवाएं चुरा ले और बिल में बकायदा उसका पेमेंट लिया जाए? तो इसमें गलती तो प्रबंधन की भी है। वैसे भी बालाजी अस्पताल प्रबंधन प्रशासन को धमकी देकर मुंह बंद करा देता है, पूर्व में अधिक बिल मामले में कुछ ऐसा ही हुआ था।

परिजन लाते थे, ओमप्रकाश चुराता था दवाएं

पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि बालाजी अस्पताल का मेल नर्स ओमप्रकाश नागवंशी वहां से दवाएं चुराता था। दरअसल पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि ये इंजेक्शन उसने मरीजों के परिजनों और जिन मरीजों की मौत हो जाती थी, उनके नाम पर आए थे और उसे चुरा लिया था। इसके अलावा ये भी दावा किया जा रहा है कि ये दवाओं में भी जमकर हेरफेर किया करता था, लेकिन अभी तक पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है, वहीं बालाजी अस्पताल प्रबंधन ने कोई सफाई नहीं दी है।

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