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- Custody Responsible For The Death Of Five Corona Infected Due To Lack Of Oxygen, Shaking Hands In Registering FIR After 16 Days Of Framing Of Administration
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जबलपुर16 मिनट पहले
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गैलेक्सी हॉस्पिटल की लापरवाही से हुई पांच मौतों के गुनहगारों को बचा रहा प्रशासन।
22 अप्रैल की देर रात उखरी स्थित गैलेक्सी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन समाप्त होने से हुई पांच मौतें अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से हुई थी। किरकिरी होने और सीएम दौरे से पहले उनकी नजर में गुडवर्क दिखाने के लिए जांच समिति ने 10 मई की देर रात अपना जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंप दिया। रिपोर्ट के बाद सीएमएचओ डॉक्टर रत्नेश कुररिया ने जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए, लेकिर चार दिन बाद भी कार्रवाई नहीं हुई।
सीएमएचओ डाॅक्टर कुररिया ने आदेश में अस्पताल प्रबंधन से तत्काल कोविड के नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगाई है। वहीं अस्पताल में कोविड मरीजों के इलाज संबंधी अनुमति भी निरस्त कर दी गई है। वर्तमान में जो भी कोविड के मरीज भर्ती हैं, उनका उपचार करने के बाद डिस्चार्ज करने का आदेश दिया गया है। पर एफआईआर की बात से प्रशासन अब मुकर रहा है।
16 दिन से जांच लटकाए था प्रशासन
22 अप्रैल की देर रात दो बजे के लगभग गैलेक्सी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन समाप्त होने के चलते पटेल नगर निवासी अनिल शर्मा (49), विजय नगर निवासी देवेंद्र कुररिया (58), गाडरवारा नरसिंहपुर निवासी गोमती राय (65), नरसिंहपुर निवासी प्रमिला तिवारी (48) और छिंदवाड़ा निवासी आनंद शर्मा (47) की मौत हो गई थी। इस मामले में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने संयुक्त कलेक्टर शाहिद खान की अगुवाई में जांच समिति गठित की थी।
गैलेक्सी प्रबंधन ने रेडक्रास में 25 लाख का दिया था दान
कलेक्टर ने 24 घंटे में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था, लेकिन अस्पताल पर दरियादिली दिखाने वाला प्रशासन कार्रवाई करने में हीलाहवाली कर रहा है। पहले जांच रिपोर्ट प्राप्त होने से पहले ही गैलेक्सी प्रबंधन से 25 लाख रुपए रेडक्रॉस में दान लेेकर मामला सेटल करने की कोशिश की। पूर्व सीएम कमलनाथ, विवेक तन्खा सहित सोशल मीडिया पर सवाल उठा तो आनन-फानन में रिपोर्ट पेश कर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही तय कर दी गई।
जांच प्रतिवेदन में चार बिंदुओं पर लापरवाही तय
- अस्पताल में कोविड-19 के स्वीकृत संख्या से अधिक मरीजों को भर्ती किया गया था।
- रात में अस्पताल में कोई जिम्मेदार मैनेजर नहीं था।
- ऑक्सीजन सप्लाई करने के लिए नियुक्त ऑक्सीजन सुपरवाईजर प्रशिक्षित नहीं था।
- ऑक्सीजन के समय जब संक्रमित तड़पने लगे तो बजाय मदद के वहां मौजूद डॉक्टर व स्टाफ भाग गए।
- इन कारणों के चलते ही अस्पताल में भर्ती पांच संक्रमितों की मौत हुई थी।
एफआईआर दर्ज करने के लिए एक-दूसरे के पाले में गेंद
सीएमएचओ डॉक्टर रत्नेश कुररिया ने जहां एफआईआर दर्ज कराने की बात कही थी। वहीं कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने घटना के बाद दावा किया था कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। बावजूद अब पुलिस प्रशासन के सुर बदले हुए दिख रहे हैं। लार्डगंज टीआई ने पांच मौतों के मामले में मर्ग कायम किया है। चाहता तो वह खुद एफआईआर दर्ज कर जांच प्रतिवेदन तलब कर सकता है।
पर टीआई प्रफुल्ल श्रीवास्तव का कहना है कि प्रशासन ने जांच किया है। उसका प्रतिवेदन मिलने पर वह एफआईआर करेंगे। वहीं सीएमएचओ डॉक्टर कुररिया का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन से जवाब मांगा गया है। जवाब मिलने के बाद कमेटी निर्णय लेगी कि कार्रवाई होगी या नहीं।