- दो महीने तक ठप रहने के बाद कहीं 90 तो कहीं 100 फीसदी प्रोडक्शन शुरू
दैनिक भास्कर
Jun 10, 2020, 04:33 AM IST
ग्वालियर. (अभिषेक शर्मा) ग्वालियर अंचल में औद्योगिक क्षेत्रों में फिर से वैसी ही रौनक लौट आई है, जैसी लॉकडाउन लगने से पहले हुआ करती थी। मालनपुर, बानमोर, तानसेन नगर, बाराघाटा, महाराजपुरा सहित सभी औद्योगिक क्षेत्रों में प्रोडक्शन मात्र एक महीने में ही 15 प्रतिशत से बढ़कर 60 से 100 प्रतिशत पर पहुंच गया है। मालनपुर में चलने वाले सूर्या फैक्ट्री के प्लांट से बल्ब सेल का निर्यात भी मात्र एक महीने के अंदर ही इजिप्ट, ईरान और वियतनाम से बढ़कर थाईलैंड और ब्रिटेन तक होने लगा है।
इसी तरह बानमोर, बाराघाटा, तानसेन नगर औद्योगिक क्षेत्र में चलने वाले विभिन्न फूड प्रोसेसिंग यूनिट शरबत, ब्रेड, तेल, आटा आदि खाद्य सामग्री का प्रोडक्शन 80 फीसदी तक कर रहे हैं। जेके टायर की टायर फैक्ट्री, वेक्टस की टंकी, पैकेजिंग प्लांट भी 60 फीसदी तक प्रोडक्शन कर रहे हैं।
उद्योगपति बोले- स्टील, पैकेजिंग, बोटल और फूड प्रोसेसिंग यूनिट में जबरदस्त उछाल
- बानमोर औद्योगिक क्षेत्र में प्रकाश पैकेजिंग कंपनी के सुदीप शर्मा और अरुण गौर बताते हैं कि एक महीने पहले उनके पास मप्र के शहरों से ही ऑर्डर नहीं था। लेकिन पिछले 30 दिनों में जयपुर, नागपुर, इंदौर, लखनऊ तक से बोटल, जार आदि के ऑर्डर मिल रहे हैं।
- बाराघाटा औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष सोबरन सिंह तोमर बताते हैं कि उनकी पैकेजिंग यूनिट में दोनों ही शिफ्टों में काम चल रहा है। प्रोडक्शन 70 प्रतिशत तक हो रहा है। प्रिसिएशन इंडस्ट्रियल सिस्टम के संचालक आशीष वैश्य के यहां 24 घंटे प्रोडक्शन हो रहा है।
- मालनपुर में चॉकलेट, बिस्किट, घी, शरबत, तेल आदि का प्रोडक्शन 80 फीसदी तक हो रहा है। जेके टायर कंपनी के अधिकारी बताते हैं कि उनके यहां बन रहे टायर लुधियाना, दिल्ली, फरीदाबाद, कोच्चि, नांदेड़ सहित मेट्रो सिटी में सप्लाई हो रहे हैं।
मजदूर लौटे तो बढ़ने लगा प्रोडक्शन : बानमोर औद्योगिक क्षेत्र में कुल 110 यूनिट हैं। इनमें कुल 12 हजार कर्मचारी काम करते थे। लॉकडाउन के बाद ये चले गए। लेकिन इनमें से अब यूपी और राजस्थान के रहने वाले करीब 2 हजार मजदूर और कामगार वापस आ गए हैं। इसी तरह तानसेन नगर औद्योगिक क्षेत्र में करीब 2500 कामगार काम करते थे। इनमें से प्रवासी मजदूर लौट आए हैं।
प्रोडक्शन बढ़ने के ये 3 कारण प्रमुख
1. बाजार खुला: बाजार खुलने से डिमांड बढ़ने के कारण ऑर्डर की कोई कमी नहीं है।
2. ट्रांसपोर्ट चलने लगा: देशभर में ट्रांसपोर्ट खुल चुका है। लोडिंग-अनलोडिंग के लिए ट्रक, आइशर आदि वाहन आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं।
3. मजदूरों की वापसी: सभी औद्योगिक क्षेत्रों में लोकल और प्रवासी दोनों लगभग समान संख्या में काम कर रहे थे। प्रवासी मजदूर अब वापस काम पर लौट रहे हैं तो फैक्ट्री संचालक ऑर्डर के हिसाब से प्रोडक्शन की क्षमता में वृद्धि कर पा रहे हैं और नाइट शिफ्ट तक चला पा रहे हैं।