- इंदौर की रेजीडेंसी में सांवेर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते मुख्यमंत्री शिवराज के वायरल ऑडियो पर कांग्रेस ने निशाना साधा
- ऑडियो में शिवराज कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिरनी चाहिए, ये केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया था
दैनिक भास्कर
Jun 10, 2020, 04:41 PM IST
भोपाल. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से आदेश मिला था। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट किया- ‘मोदीजी आपने लोकतंत्र की हत्या की है या आपके सीएम आदतन लफ्फाजी कर रहे हैं।’
बताया जा रहा है कि वायरल ऑडियो इंदौर की रेजीडेंसी का है। यहां शिवराज सांवेर के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट भी मौजूद थे। तुलसी शिवराज कैबिनेट में मंत्री हैं। इस वायरल ऑडियो की सत्यता की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है।
शिवराज जी ने बताया-
केन्द्रीय नेतृत्व के कहने पर मप्र सरकार गिराई..!
मोदी जी,
—आपने लोकतंत्र की हत्या की है,
या आपके सीएम आदतन लफ़्फ़ाज़ी कर रहे हैं..?@PMOIndia @narendramodi— MP Congress (@INCMP) June 10, 2020
वायरल ऑडियो में शिवराज ने क्या कहा?
“केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया कि सरकार गिरनी चाहिए। यह बर्बाद कर देगी, तबाह कर देगी। और आप बताओ कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी भाई के बिना सरकार गिर सकती थी क्या? और कोई तरीका नहीं था। ये तो मंत्री वहां भी थे। मुख्यमंत्री बनने की तो नहीं सोची थी। अब कांग्रेस वाले कह रहे हैं कि गड़बड़ कर दी। घोटाला कर दिया।
मैं आज पूरे विश्वास और ईमानदारी के साथ इस मंच से कह रहा हूं, धोखा कांग्रेस ने दिया। धोखा सिंधिया और तुलसी सिलावट ने नहीं दिया। दर्द और कसक की वजह से मंत्री पद छोड़ दिया, जबकि सरपंच तक पद नहीं छोड़ते। आज सिंधिया जी और तुलसी भाई का मैं इसलिए स्वागत करता हूं कि भाजपा की सरकार बनाने के लिए मंत्री पद छोड़कर आए। और अब हो रहे हैं चुनाव।
ईमानदारी से बताओ कि तुलसी अगर विधायक नहीं बने तो हम मुख्यमंत्री रहेंगे क्या? भाजपा की सरकार बचेगी क्या? हर भाजपा कार्यकर्ता की ड्यूटी है और कर्तव्य है कि तुलसी सिलावट चुनाव नहीं लड़ रहा, आप सब चुनाव लड़ रहे हैं। हम उम्मीदवार हैं।”
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का ट्वीट- झूठ की पोल भी अब सभी के सामने आ चुकी है
मै तो शुरू दिन से ही कह रहा था कि भाजपा ने मेरी बहुमत व जनादेश प्राप्त सरकार को जानबूझकर साज़िश-षड्यंत्र व प्रलोभन का खेल रच गिराया है क्योंकि मेरी सरकार किसानो का क़र्ज़ माफ़ कर रही थी, युवाओं को रोज़गार दे रही थी , महिलाओं को सुरक्षा देकर उनके सम्मान की रक्षा कर रही थी ,
1/4— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 10, 2020
मिलावट व माफ़ियाओ के ख़िलाफ़ अभियान चला रही थी , प्रदेश में निवेश ला रही थी , निरंतर जनहितैषी कार्य कर रही थी , भाजपा को यह सब सहन नहीं हुआ।
उसे डर व भय था कि इन सब कार्यों से उसका वर्षों तक सत्ता में वापस लौटना नामुमकिन हो जायेगा।
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अब तो इस बात की पुष्टि भी हो गयी और सच्चाई भी प्रदेश की जनता के सामने आ गयी कि मेरी सरकार को गिराने के लिये किस तरह की साज़िश व खेल रचा गया और उसमें कौन- कौन शामिल था।
जो लोग कहते थे कि कांग्रेस की सरकार के पास बहुमत नहीं था , वो अपने असंतोष से गिरी , हमने नहीं गिरायी ,
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उनके झूठ की पोल भी अब सभी के सामने आ चुकी है।
शिवराज ने 15 वर्ष झूठ के बल पर सरकार चलायी , जनता ने सबक़ भी सिखाया लेकिन अभी भी निरंतर झूठ परोस रहे है।
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पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा- सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के पास जाएंगे
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने बुधवार को इंदौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- मुख्यमंत्री ने कल इंदौर में सच्चाई खुद बयां कर दी। कांग्रेस सरकार को भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर सिंधिया के साथ मिलकर गिराया गया। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व नहीं चाहता था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार चले। कांग्रेस शुरू से ही कहती आई है कि भाजपा ने साजिश रचकर सरकार गिराई। कांग्रेस के आरोपों की पुष्टि शिवराज जी ने कर दी है। पटवारी ने कहा कि अब हम इस मामले पर विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और राष्ट्रपति से भी अपील करेंगे।
20 मार्च को गिर गई थी कमलनाथ सरकार
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के 22 विधायकों ने 10 मार्च को इस्तीफा दे दिया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इस्तीफा देने वाले 22 विधायक भी भाजपा में शामिल हो गए थे। 20 मार्च को कमलनाथ सरकार गिर गई। भाजपा का कहना था कि कांग्रेस की सरकार अंदरूनी कलह की वजह से गिरी।
उपचुनाव को लेकर जारी है गुणा-भाग
चुनाव आयोग ने अभी 24 सीटों पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन कांग्रेस और भाजपा के बीच इसे लेकर गुणा-भाग जारी है। उपचुनाव सितंबर में संभावित हैं। 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में अभी 206 सदस्य हैं। इसमें 107 भाजपा के और कांग्रेस के 92 सदस्य हैं। चार निर्दलीय, एक समाजवादी पार्टी और दो बसपा विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं। वर्तमान में बहुमत का आंकड़ा 104 है।