- जुलाई के मध्य से प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालयों के नई मशीनें लगाई जाएंगी, इससे 16 हजार से अधिक टेस्टिंग की सुविधा विकसित होगी
- कोरोना रोगियों को कोविड केयर सेंटर में दाखिल करने के लिए प्रदेश में जो उपलब्ध बिस्तर क्षमता है उसका 20 प्रतिशत ही उपयोग हो रहा
दैनिक भास्कर
Jun 24, 2020, 06:32 PM IST
भोपाल. मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब एक दिन में 9 हजार कोरोना सैंपल की जांच होने लगी है। जुलाई के मध्य से प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों के नए उपकरणों के स्थापित होने से 16 हजार से अधिक टेस्टिंग की सुविधा विकसित हो जाएगी। प्रतिदिन बढ़ती जांच क्षमता के कारण पॉजिटिव मरीजों के सामने आने और उन्हें इलाज के बाद स्वस्थ करने के काम में आसानी हुई है। इसलिए मध्यप्रदेश रिकवरी रेट में काफी आगे है।
किदवई ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव रोगियों को कोविड केयर सेंटर में दाखिल करने के लिए प्रदेश में जो कुल बेड उपलब्ध हैं उसका 20 प्रतिशत ही उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश में कुल 24 हजार 235 जनरल बेड, 8 हजार 924 ऑक्सीजन बेड और एक हजार 105 आईसीयू बेड हैं। शासकीय और निजी अस्पतालों में प्रदेश में वायरस के प्रसार की आशंका के कारण यह क्षमता विकसित की गई। इसका एक चौथाई से कम ही उपयोग में आ रहा है।
12 हजार पॉजिटिव मामलों में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का काम पूरा
उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के जिला अस्पतालों में जुलाई माह के अंत तक कुल 956 आईसीयू. बेड उपलब्ध रहेंगे। इसी तरह मेडिकल कॉलेज में इनकी संख्या 777 हो जाएगी। जिला और मेडिकल कॉलेज में मिलाकर अगले माह के अंत तक करीब 12 हजार ऑक्सीजन बेड उपलब्ध होंगे। प्रदेश में तीन माह में मिले करीब 12 हजार पॉजिटिव प्रकरणों में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का काम पूरा हो गया है।
यह काम इंदौर और ग्वालियर में 99 और 98 प्रतिशत तथा भोपाल, उज्जैन और बुरहानपुर में 100 प्रतिशत हो गया। प्रदेश में 22 जून की स्थिति में 912 फीवर क्लीनिक काम कर रही हैं। इन क्लीनिक्स में आए रोगियों में से 77 प्रतिशत रोगियों को घर में आइसोलेट रहने का परामर्श दिया गया। प्रदेश में औसतन प्रति क्लीनिक 3019 रोगी पहुंचे हैं। इनमें सर्वाधिक भोपाल के नागरिक जागरूक हैं, जो प्रति क्लीनिक औसतन 304 की संख्या में जाकर परामर्श प्राप्त कर चुके हैं।
3 लाख को दी गई विशेष ट्रेनिंग
प्रदेश में करीब 3 लाख लोगों को कोविड-19 के दृष्टिगत जांच, उपचार, क्वारैंटाइन, सर्विलांस, संक्रमित क्षेत्र के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने, सोशल डिस्टेंसिंग आदि का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षित लोगों में चिकित्सक, नर्स, स्वास्थ्य कार्यकर्ता आदि शामिल हैं। कोविड से संबंधित कार्यों की इस ट्रेनिंग में आशा वर्कर्स और वालंटियर्स भी शामिल हैं।