इंदौर में तेजी से कोरोना केस बढ़ते जा रहे हैं. (सांकेतिक तस्वीर)
इंदौर में अब तक कोविड-19 के कुल 4664 मरीज मिले हैं. इनमें से 226 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है.
डॉ. डोसी ने बताया कि ये मरीज 28 से 68 वर्ष तक की उम्र के हैं. इनमें से पांच लोगों को पुरानी बीमारियां भी हैं जिनमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप और गठिया भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इन मरीजों को इंजेक्शन के माध्यम से रेमडेसिवीर इसलिये दी जा रही है ताकि हम उनकी हालत बिगड़ने से रोक सकें और उन्हें जीवन रक्षक यंत्र (वेंटिलेटर) पर रखने की नौबत न आने पाय.
परिणाम उत्साहजनक!
डॉ. डोसी ने बताया कि सातों मरीजों को पिछले तीन दिन से हर रोज रेमडेसिवीर का एक-एक इंजेक्शन लगाया जा रहा है. तय डोज के मुताबिक ये इंजेक्शन कुल पांच दिन तक लगाए जाने हैं. उन्होंने बताया कि शुरुआती रूप से इन मरीजों पर रेमडेसिवीर का परिणाम उत्साहजनक रहा है. हालांकि, पांच दिन का डोज पूरा होने के बाद ही इस विषय में पुख्ता तौर पर कुछ कहा जा सकेगा. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इंदौर में अब तक कोविड-19 के कुल 4,664 मरीज मिले हैं. इनमें से 226 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि 3,435 लोग उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं.इस अभियान की शुरुआत
मालूम हो कि कोरोना संक्रमण को प्रदेश से खत्म करने के लिए प्रदेश भर में 1 जुलाई से ‘किल कोरोना’ अभियान की शुरूआत होने जा रही है, लेकिन राजधानी में इस कैम्पेन की शुरुआत शानिवार 27 जून से ही हो रही है. इसमें भोपाल के साथ ही प्रदेश की आबादी (लगभग 8.5 करोड) में मुख्यत: बुखार का सर्वे किया जाएगा. इस महाभियान में आम लोगों से उनकी सेहत से जुड़े छ: सवाल पूछे जाएंगे. लोगों के जवाब से ये तय होगा कि ये कोरोना के लक्षणों का मरीज है या डेंगू, मलेरिया सहित दूसरे बुखार का है.
First published: June 29, 2020, 9:13 PM IST