अमित शाह को पत्र भेजकर कमल पटेल ने कहा कि चीन से सीमा विवाद के चलते कांग्रेस लगातार अनर्गल बयान दे रही है. (फाइल फोटो)
कमल पटेल (Kamal Patel) ने पत्र में लिखा है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही नहीं, तत्कालीन यूपीए सरकार में वाणिज्य मंत्री रहे कमलनाथ ने चीन से आयात के लिए अनापेक्षित रियायतें दी थीं.
शिवराज सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल ने राजीव गांधी फाउंडेशन (Rajiv Gandhi Foundation) को चीन से चंदा (Chinese Donations) मिलने के बाद आयात में दी गई रियायतों के लिए तत्कालीन वाणिज्य मंत्री कमलनाथ की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. कमल पटेल ने इसे लेकर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. अमित शाह को पत्र भेजकर कमल पटेल ने कहा कि चीन से सीमा विवाद के चलते कांग्रेस लगातार अनर्गल बयान दे रही है.
करोड़ों रुपये की वित्तीय सहायता का आरोप
सीएम शिवराज के मंत्री ने कहा कि मीडिया से मिल रही सूचनाओं के आधार पर चीन एवं तत्कालीन यूपीए सरकार के गहरे संबंध नकारे नहीं जा सकते. सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन को दान के नाम पर पीपुल्स् रिपब्लिक ऑफ चायना के दूतावास से करोड़ों रुपये की वित्तीय सहायता मिली है. उन्होंने कहा कि चीन के साथ जारी सीमा विवाद के दौरान पूर्व यूपीए सरकार का नरम रवैया इसी आर्थिक सहायता के कारण तो नहीं था.इसलिए लिखा पत्र
कमल पटेल ने पत्र में लिखा है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही नहीं तत्कालीन यूपीए सरकार में वाणिज्य मंत्री रहे कमलनाथ ने चीन से आयात हेतु अनापेक्षित रियायतें दी थीं. यह भी शक पैदा करता है कि कहीं यह उदारता राजीव गांधी फाउंडेशन को मिली आर्थिक सहायता के कारण तो नहीं दिखाई गई थी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उच्च आयुक्त के माध्यम से यदि किसी व्यक्ति विशेष अथवा संस्था को किसी प्रकार की आर्थिक सहायता दी जाती है, तो यह माना जाता है कि वह कहीं न कहीं आतंकवादी गतिविधि में उपयोग हो रही है.

कमल पटेल का पत्र
‘शक की निगाह से देखा जाना चाहिए’
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि जिस तरह चीन, पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत की सीमा को छलनी कर रहा है. ऐसे में चीन द्वारा प्राप्त आर्थिक सहायता को भी शक की निगाह से देखा जाना चाहिए. यही वजह है कि पटेल ने यूपीए सरकार के समय चीन से मिली आर्थिक सहायता और आयात में दिए गए अनुचित लाभ तथा संपत्तियों की सीबीआई जांच कराने की मांग की है.
First published: July 6, 2020, 9:42 AM IST