विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद MP पुलिस का ये होगा रोल
विकास (Vikas dubey) ने काफी जानकारी पुलिस (police) को दी लेकिन जिस आनंद तिवारी ने उसे शरण दी थी, पूछताछ में विकास दुबे ने उसे नहीं पहचाना था. विकास दुबे को उज्जैन पुलिस तक पहुंचाने में SIS के सिक्योरिटी गार्ड और आनंद तिवारी की भूमिका संदिग्ध है
9 जुलाई को सुबह करीब 9:00 बजे उज्जैन के महाकाल मंदिर में यूपी के मोस्ट वांटेड विकास दुबे को पकड़ा गया था. पुलिस ने उसे अपनी कस्टडी में लिया था. उज्जैन पुलिस सबसे पहले उसे थाने ले गई. इसके बाद पुलिस ने उसे किसी गोपनीय स्थान पर रखा. शाम को करीब 6:00 बजे यूपी पुलिस की टीम उज्जैन पहुंची और इसके बाद वो उसे अपने साथ ले गई. हालांकि यूपी पहुंचने के बाद आज उसका एनकाउंटर हो गया. जब एमपी पुलिस की कस्टडी में विकास दुबे था उस दौरान उससे जुड़े कई बिंदुओं पर जानकारी ली गई. यह तमाम जानकारी उज्जैन पुलिस ने यूपी पुलिस को दे दी है.
बोलेरो गाड़ी से आया था विकास दुबे
सूत्रों के अनुसार विकास दुबे बोलेरो गाड़ी से फरीदाबाद से कोटा, झालावाड़ होते हुए उज्जैन पहुंचा था. पूछताछ में विकास दुबे से मिली जानकारी का वेरिफिकेशन यूपी पुलिस के कहने पर ही एमपी पुलिस करेगी. विकास ने काफी जानकारी पुलिस को दी लेकिन जिस आनंद तिवारी ने उसे शरण दी थी, पूछताछ में विकास दुबे ने उसे नहीं पहचाना था. विकास दुबे को उज्जैन पुलिस तक पहुंचाने में SIS के सिक्योरिटी गार्ड और आनंद तिवारी की भूमिका संदिग्ध है.क्लॉक रूम में मिला था काला बैग
गुरुवार को विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद जब जांच की गयी तो मंदिर के क्लॉक रूम में विकास का काला बैग रखा मिला था. उसमें कपड़े और चाकू निकला था. स्टैंड पर जूते रखे मिले थे. वो रसीद कटाकर मंदिर में दर्शन के लिए घुसा था.