Fake Bail Guarantors Gang Busted By Madhya Pradesh Police In Bhopal | 10 हजार रुपए में बड़े से बड़े आरोपी के रिश्तेदार बन जाते थे; जमानत दिलाते समय कहते थे- आज तो मदद कर दी, आगे सड़ना जेल में

Fake Bail Guarantors Gang Busted By Madhya Pradesh Police In Bhopal | 10 हजार रुपए में बड़े से बड़े आरोपी के रिश्तेदार बन जाते थे; जमानत दिलाते समय कहते थे- आज तो मदद कर दी, आगे सड़ना जेल में


भोपाल2 मिनट पहले

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गिरोह के 10 सदस्यों में 2 महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस उनसे अन्य मामलों की पूछताछ कर रही है।

  • गिरोह की दो महिलाओं समेत 10 आरोपी पकड़ाए, बड़ी संख्या में फर्जी ऋण पुस्तिका, सील समेत अन्य कागजात जब्त
  • दो साल में करीब 60 आरोपियों को जमात दिलाने में कर चुके है मदद, वर्ष 2015 में 500 मामलों का खुलासा हुआ था

मध्यप्रदेश की राजधानी में एक बार फिर फर्जी जमानतदार के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। दो महिलाओं समेत गिरोह के 10 सदस्य पकड़े गए हैं। यह 10 हजार रुपए तक में किसी भी बड़े से बड़े आरोपी के रिश्तेदार बन जाते थे। जमानत दिलाने के दौरान उनके नाटक का झूठ जज भी पकड़ नहीं पाते थे। आरोपी को डांटते हुए कहते थे- आज तो तेरी जमानत करवा दी है। आगे अब करेगा, तो जेल में ही सड़ना। क्राइम ब्रांच की माने तो दो साल में फर्जी तरीके से यह गिराहे करीब 60 मामलों में आरोपियों को जमानत दिला चुका है। हालांकि, इससे पहले दिसंबर 2015 में क्राइम ब्रांच ने ही 4 लोगों को गिरफ्तार कर 500 मामलों में फर्जी जमानतदार बनने का खुलासा किया था। वह 10 साल से जमानतदार बन रहे थे।

क्राइम ब्रांच ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया। वर्दी में एसपी हेडक्वार्टर धर्मवीर सिंह यादव और सादे कपड़ो में एएसपी क्राइम ब्रांच गोपाल सिंह धाकड़।

एसपी हेडक्वार्टर धर्मवीर सिंह ने बताया कि सोमवार सुबह मुखबिर से भोपाल न्यायालय परिसर के बाहर कुछ संदिग्धों के घूमने की सूचना मिली थी। यह किसी को जमानत देने के लिए पहुंचे थे। क्राइम ब्रांच की टीम ने मौके पर पहुंचकर दो महिलाओं समेत 10 लोगों को पकड़ लिया। उनके पास से बड़ी संख्या में सील और सरकारी दस्तावेज मिले। पूछताछ पर मुख्य आरोपी लोकेश यादव ने बताया कि वे यहां पर जमानत देने के लिए आए हैं। ऐसे लोग जिन्हें कोई जमानतदार नहीं मिलता है, वे उनसे संपर्क करते हैं।

उसके बाद वह आरोपी के परिवार की जानकारी लेकर एक बार परिवार के सदस्य होने की रिहर्सल करते हैं, ताकि जज के सवालों के जबाव दे सकें। उसके बाद फर्जी कागजात तैयार करवा लेते थे। सभी बारी-बारी से अलग-अलग ममालों में आरोपी के रिश्तेदार बनते थे। हर बार रिश्ते को एक नया नाम देते थे, ताकि पकड़े न जाएं। पूरे गिरोह में सभी के अपने-अपने रोल और हिस्से तय थे। आरोपियों ने बताया कि एक मामले में 10 हजार रुपए तक लेते थे। हालांकि बड़े मामलों में अधिक रकम भी मिल जाती थी।

आरोपी बीते 2 साल से फर्जी तरीके से आरोपियों को जमानत दिलवा रहे थे।

गिरफ्तार आरोपियों का विवरण

आरोपी उम्र निवास
गणेश मकवाना 60 साल कोलार
संजय श्रीवास्तव 42 साल छोला मंदिर
संदीप कुशवाहा 32 साल मंडीदीप
रमेश यादव 30 साल ऐशबाग
दुर्गेश यादव 28 साल ऐशबाग
नरेश मेवाड़ा 28 साल गांधीनगर
लोकेश यादव 50 साल अशोका गार्डन
आशिया बी 35 साल कोलार
माया बाई 32 साल ऐशबाग
राजेंद्र सिंह मीणा 38 साल कोलार

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