झाबुआ3 मिनट पहले
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- भक्तों को नहीं है झूला झुलाने की अनुमति, दूर से करना होंगे दर्शन, 3 अगस्त तक सजाए जाएंगे झूले
सावन के अंतिम 12 दिन भगवान झूले में झूलेंगे। हालांकि इसकी शुरुआत हरियाली अमावस्या से हो गई है। मंदिरों में रक्षा बंधन यानि 3 अगस्त तक झूले सजाए जाएंगे। हरियाली तीज 23 जुलाई को है। इस दिन भी मंदिर में भक्त दर्शन करने पहुंचेंगे, लेकिन भगवान को झूला नहीं झुला पाएंगे। हरियाली अमावस्या से ही मंदिरों में झूले डल गए हैं जो अब राखी तक सजे रहेंगे। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार झूलों के करीब जाकर भगवान को झुलाने की इजाजत नहीं है। सिर्फ मंदिर के पुजारी ही पूजा और आरती करेंगे। रोजाना भगवान की संध्या और शयन आरती भी झूले में होगी। यहीं पर उन्हें भोग भी अर्पित किया जाएगा। शहर के गोवर्धननाथ मंदिर, चारभुजानाथ मंदिर और राधाकृष्ण मंदिर में भगवान के झूले सजाए गए हैं। पं. हिमांशु शुक्ल ने बताया इस बार अंतर यह होगा कि भक्त भगवान के दर्शन तो कर सकेंगे, लेकिन जिन मंदिरों में भगवान के झूलों की डोर को पकड़कर उन्हें झुलाने की अनुमति पहले रहती थी, वह इस साल नहीं मिलेगी। दरअसल कोरोना संक्रमण के चलते इस बार मंदिरों में सोशल डिस्टेंस के तहत ही प्रवेश दिया जा रहा है। हालांकि वह भी सिर्फ मंदिर परिसर तक ही सीमित है। गर्भ गृह में किसी को भी प्रवेश नहीं मिल रहा है। झूले की डोरी अलग-अलग लोगों के हाथों में लगने से संक्रमण की संभावना रहेगी, लिहाजा इस बार भक्त भगवान का झूला नहीं झुला पाएंगे। सावन में मंदिरों की तरह घरों में भी कई लोग भगवान को झूले पर विराजमान करते हैं।
चारभुजानाथ मंदिर में भक्त रात 9 बजे तक कर सकेंगे विशेष दर्शन
पंडित हिमांशु शुक्ल ने बताया हरियाली तीज के अवसर पर भी चारभुजानाथ मंदिर में भगवान के विशेष दर्शन होंगे। अभी समय सीमित है इसलिए रात 9 बजे तक ही श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद दर्शन नहीं होंगे। आरती के दौरान भी सीमित संख्या में ही प्रवेश मिल रहा है। इसमें भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है।
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