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- Important Decisions Taken In Cabinet, Chambal Expressway Will Now Be Known As Chambal Progressway
भोपाल/ग्वालियरएक दिन पहले
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चंबल एक्सप्रेस-वे अब चंबल प्रोग्रेस-वे के नाम से जाना जाएगा। यह निर्माण कार्य भारतमाला परियोजना के अंतर्गत किया जाएगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई देश की पहली वर्चुअल कैबिनेट की मीटिंग में इस प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई
- देश की पहली वर्चुअल कैबिनेट की मीटिंग में इस प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया
‘चंबल एक्सप्रेस-वे’ अब ‘चंबल प्रोग्रेस-वे’ के नाम से जाना जाएगा। यह निर्माण कार्य भारतमाला परियोजना के अंतर्गत किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई देश की पहली वर्चुअल कैबिनेट की मीटिंग में इस प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत मध्यप्रदेश-राजस्थान सीमा से मुरैना होते हुए भिंड जिले तक 309 किलोमीटर लंबे फोरलेन ग्रीन फील्ड सड़क का निर्माण कराया जाएगा। चंबल प्रोग्रेस-वे के लिए राज्य सरकार द्वारा मुफ्त में भूमि उपलब्ध कराई जाएगी और निजी भूमि की शासकीय भूमि से अदला-बदली की जाएगी। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों ने विभिन्न स्थानों से हिस्सा लिया। अन्य महत्वपूर्ण फैसलों में कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज की व्यवस्थाओं का अनुसमर्थन किया। जन-आरोग्य योजना के तहत पात्रता रखने वाले व्यक्ति मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में इलाज करवाएंगे तो खर्च की राशि का 40% खर्चा राज्य सरकार उठाएगी। जन-आरोग्य योजना में पात्र व्यक्तियों द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में इलाज कराने पर निर्धारित पैकेज के मान से आयुष्मान भारत निरामय मप्र द्वारा शत-प्रतिशत व्यय भार राज्य वहन करेगा। जो दोनों श्रेणियों में पात्रता नहीं रखते हैं उनका शासकीय अस्पतालों तथा अनुबंधित निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज होगा। गैर अनुबंधित अस्पतालों में इलाज स्वयं के व्यय पर करवाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना में 14 करोड़ रुपए
कैबिनेट ने मुख्यमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना का अनुसमर्थन कर दिया, जिसके तहत 18 से 55 वर्ष आयु वर्ग के पात्र व्यक्तियों को व्यवसाय के लिए 10 हजार रुपए का कर्ज बगैर ब्याज के दिलाया जाएगा। जुलाई 2020 से मार्च 2022 तक लागू होने वाली इस योजना में एक लाख ग्रामीण गरीबों को लाभांवित करने का लक्ष्य है, जिस पर 14 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा।
फसल बीमा योजना में 12 हजार 799 करोड़ रु.
.प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को खरीफ 2020-21 से रबी 2020-22 तक लागू किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया। तीन वर्ष के प्रीमियम के लिए राज्य सरकार पर 6494 करोड़ 15 लाख रुपए का वित्तीय भार आएगा। केंद्र सरकार से योजना में 6305 करोड़ रुपए प्राप्त होने की संभावना है। इस प्रकार योजना 12,799 करोड़ से अधिक की होगी।
कैबिनेट के अन्य फैसले
- कैंपा निधि के अंतर्गत वार्षिक प्रबंधन स्कीम के तहत इस वर्ष के लिए 833 करोड़ रुपए और पिछले साल के अनुमोदित कार्यों के लिए 149.14 करोड़ रुपए के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया। यह राशि वन क्षेत्रों के रखरखाव पर खर्च की जाएगी।
- 21 नगर परिषदों संबंधी अधिसूचना निरस्त कर उन्हें यथावत रखे जाने को मंजूरी।
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