हरदा14 घंटे पहले
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हरदा। अच्छी बारिश के लिए गर्भगृह में पानी भरकर शिवलिंग काे डूबाेया।
- सावन के 4 साेमवार रहे सूखे, आखिरी साेमवार काे सुबह से शुरू हुई बारिश, दोपहर के बाद उमस ने लोगों को परेशान किया
- पिछले साल की तुलना में अब तक 142.6 मिमी कम हुई बारिश
सावन के चार साेमवार सूखे जाने के बाद अंतिम साेमवार काे सुबह से बारिश हुई। रुक-रुक कर कभी रिमझिम ताे कभी जोरदार बारिश हाेती रही। जाे सुबह 11.30 बजे बारिश बंद हाे गई। दोपहर में 2 बजे कुछ देर के लिए धूप भी निकली। इसके बाद वापस बादल छा गए, लेकिन देर शाम तक बारिश नहीं हुई। सावन की विदाई बारिश के साथ हुई। पिछले साल की तुलना में सावन में इस बार कम बारिश हुई है। अब भादो से अास है। पिछले साल की तुलना में अब तक जिले में 142.6 मिमी औसत बारिश कम हुई है। जिले के आसमान पर रविवार शाम से ही बादल छाने लगे थे। शहर में रविवार रात 5 से 10 मिनट तक रिमझिम बारिश हुई। खिरकिया क्षेत्र में रुक-रूक कर बारिश का दाैर शुरू हाे गया था। हालांकि, टिमरनी में बारिश रिकाॅर्ड नहीं की गई।
अच्छी बारिश की कामना के लिए शिवलिंग काे पानी में डूबाया : अच्छी बारिश की कामना के लिए सावन के अंतिम साेमवार काे प्राचीन गुप्तेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह में पानी भरा गया। करीब साढ़े तीन फीट पानी भरा गया। इसमें शिवलिंग डूब गया। पंडित गणेश शर्मा के अनुसार मान्यता है कि भगवान काे पानी में डुबाकर रखने से अच्छी बारिश हाेती है। इस दाैरान मंदिर में भगवन शिव की विशेष आराधना भी हुई। उन्होंने बताया कि सावन के हर साेमवार काे मंदिर में भगवान का विशेष शृंगार किया गया। लेकिन अंतिम साेमवार काे बारिश की कामना के लिए गर्भगृह में पानी भरकर शिवलिंग काे उसमें डूबा दिया।
हरदा में सबसे अधिक, खिरकिया में कम बारिश
जिले में इस वर्ष अब तक हरदा में सबसे अधिक व खिरकिया में सबसे कम बारिश हुई है। चालू सीजन में हरदा में अब तक 461.3 मिमी, टिमरनी 443.8 मिमी, खिरकिया में खिरकिया 438.4 मिमी बारिश हुई। पिछले साल इस अवधि में हरदा में 547.7 मिमी, टिमरनी 705.4 मिमी व खिरकिया में खिरकिया 518.2 मिमी बारिश हुई थी। चालू मानसून सत्र में 447.83 मिमी अाैसत बारिश हुई है। पिछले इस अवधि तक 590.43 मिमी बारिश हुई थी।
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