Swayamsevaks narrated the experiences of service to RSS’s Sarsanghchalak Mohan Bhagwat, said- youth are joining with Sangh | स्वयंसवेकों ने आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत को सुनाए सेवाकार्यों के अनुभव, कहा- संघ के साथ जुड़ रहे हैं युवा

Swayamsevaks narrated the experiences of service to RSS’s Sarsanghchalak Mohan Bhagwat, said- youth are joining with Sangh | स्वयंसवेकों ने आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत को सुनाए सेवाकार्यों के अनुभव, कहा- संघ के साथ जुड़ रहे हैं युवा


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भोपालएक घंटा पहले

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत दो दिन के प्रवास पर भोपाल आए हुए हैं।

  • शिक्षा और सामाजिक समरसता के लिए विशेष प्रयास करें स्वयंसेवक
  • मोहल्ला एवं ग्रामीण शिक्षा केंद्रों के संचालन एवं पर्यावरण संरक्षण पर जोर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने वर्तमान चुनौतियों एवं आने वाले समय को ध्यान में रखकर कार्य करने के लिए मध्यभारत एवं मालवा प्रान्त के प्रमुख स्वयंसेवकों को संबोधित किया। उन्होंने रविवार को ठेंगड़ी भवन में दोनों प्रान्तों के चयनित स्वयंसेवकों के साथ संवाद किया। कोरोना संक्रमण एवं लॉकडाउन के दौरान स्वयंसेवकों द्वारा समाज एवं अन्य संस्थाओं को साथ लेकर चलाए गए सेवाकार्यों और संघ की अन्य गतिविधियों की जानकारी ली। कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षा प्रभावित न हो, इसके लिए उन्होंने मोहल्ला एवं ग्राम शिक्षा केंद्र संचालित करने का आह्वान किया है, इस कार्य में समूचे समाज की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है।

मध्यभारत प्रान्त के संघचालक सतीश पिंपलीकर ने बताया कि ठेंगडी भवन में आयोजित संघ की इस बैठक में शारीरिक दूरी एवं कोराना से संबंधित अन्य दिशा-निर्देशों को पूरी तरह पालन किया गया। इस अवसर पर सरसंघचालक मोहन भागवत ने मध्यभारत एवं मालवा के प्रमुख स्वयंसेवकों से सेवाकार्यों के अनुभव सुने। जिसमें यह बात सामने आई कि स्वंयसेवकों द्वारा चलाए गए सेवाकार्यों से समाज के बड़े वर्ग को सहायता मिली। इस बीच यह भी ध्यान आया कि बड़ी संख्या में लोग संघ के साथ जुडऩा चाहते हैं, जिनमें युवाओं की संख्या भी अधिक है। समाज के लोगों ने इस बीच स्वयंसेवकों के साथ सेवाकार्यों में सहयोग भी किया। सरसंघचालक मोहन भागवत ने समाज को साथ लेकर सेवाकार्यों को स्थायी रूप देने के लिए स्वयंसेवकों को कहा है।

मोहल्ला एवं ग्रामीण शिक्षा केंद्र संचालित करने का आह्वान
पिंपलीकर ने बताया कि सरसंघचालक ने मोहल्ला एवं ग्रामीण शिक्षा केंद्र संचालित करने का आह्वान स्वयंसेवकों से किया है। क्योंकि कोरोना महामारी के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है, उस पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। विद्यार्थियों का नुकसान न हो और कोई शिक्षा से पीछे न छूट जाए इसलिए नगरों में मोहल्ला स्तर एवं प्रत्येक गांव में शिक्षा केंद्र संचालित किये जाने चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण और कुटुम्ब प्रबोधन जैसे विषयों पर भी कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया। सरसंघचालक ने स्वयंसेवकों को बताया कि समरसता को लेकर समाज में अनुकूलता बनी है। यह समाज का स्थायी भाव बने, इसके लिए स्वयंसेवकों को प्रयास करना चाहिए।

घुमंतू जातियों के लिए विशेष प्रयास :
बैठक में जानकारी दी गई कि कोरोना संक्रमण एवं लॉकडाउन के दौरान घुमंतू जाति (ईरानी, सपेरा, कंजर, पारदी, लोचपीटा, बेड़िया, मोंगिया, लुहार, बंजारा, नट, अगरिया, सिखसिकलिकर) के बंधुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। घुमंतु जाति के बंधु परिवार के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान तक रोजगार एवं अन्य कारणों से यात्रा करते रहते हैं। बैठक में यह भी अनुभव सुनाया गया कि जब लॉकडाउन लगा तो कई परिवार मध्यप्रदेश के अनेक क्षेत्रों में भी फंस गए थे। स्वयंसेवकों ने इन परिवारों की चिंता की और उन तक सहायता पहुंचाई। स्वयंसेवकों द्वारा 2628 परिवारों तक भोजन, मेडिकल समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई गईं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रवासी श्रमिकों एवं युवाओं के लिए संघ ने विभिन्न स्थानों पर हेल्प डेस्क बनाये हैं, जिनके माध्यम से स्वरोजगार एवं स्वावलंबन हेतु उन्हें आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराई जा रहीं है, जिसका समाज से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।

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