जबलपुर17 मिनट पहले
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डेयरी में भैंसों से ज्यादा दूध निकालने के लिए उपयोग में लाये जाना वाला आक्सीटोसिन इंजेक्शन प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से इस्तेमाल िकया जा रहा है। शहर के अंदर और शहरी सीमा के बाहर जितनी भी डेयरी हैं उनमें आॅक्सीटोसिन के इंजेक्शन कई बार जब्त िकये गये, लेकिन संयुक्त टीमों की ऐसी कार्रवाई हर कुछ दिनों के बाद थम जाती है। इस हार्मोन इंजेक्शन के लगातार जानवर में इस्तेमाल से मनुष्य के शरीर तक में विपरीत असर सामने आ रहे हैं। दूध में घुलकर आने वाले इस हार्मोन की वजह से विशेषज्ञों के अनुसार एण्टीमेल इफेक्ट होता है जिसमें समय से पहले बच्चियों में ग्रोथ होती है। इसका लड़कों में भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इस तरह ज्यादा दूध उत्पादन के लिए डेयरी में लगाया जाने वाला ऑक्सीटोसिन धीरे-धीरे समाज में सेहत पर विपरीत असर छोड़ रहा है। जिस हार्मोन का उपयोग बेहतर सेहत के लिए किया जाना चाहिए उसका अपनी सुविधा के अनुसार भैंस या गाय से ज्यादा दूध निकालने के लिए किया जा रहा है। आक्सीटोसिन हार्मोन डेयरी उद्योग में एक बहुत बड़ी समस्या है। हर विभाग के मुखिया को इसकी बारीकी वर्षों से पता है, पर इस पर नियंत्रण चाहते हुये भी नहीं हो पा रहा है। जानकारों का कहना है यह आने वाली पीढ़ियों पर अपना इफेक्ट छोड़ने वाला है।
ज्यादा दूध के लालच में कर रहे उपयोग
भैंस के थनों में जितना भी दूध होता है वह ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाने के बाद पूरा शरीर से बाहर कर देती है। इस इंजेक्शन के जानवरों को ज्यादा लगाने से दूध की गुणवत्ता पर असर होता है, साथ ही जानवरों के शरीर में यह घातक परिणाम छोड़ता है। सही मायने में यदि इस हार्मोन का उपयोग न किया जाए तो मातृत्व भाव से जानवर जो थन से दूध देता है वह ज्यादा शुद्ध होता है। इसमें किसी तरह की मिलावट नहीं होती है, पर थनों से पूरा दूध निकले इसलिए इस हार्मोन को किसी भी स्तर तक प्रतिबंध होने के बाद भी बेधड़क उपयोग में लाया जा रहा है।पी-4
-डॉ. ओपी श्रीवास्तव
वरिष्ठ पशु चिकित्सक
हम जरूरी कदम उठाते हैं
संयुक्त टीमें इसको लेकर कार्रवाई करती हैं, समय-समय पर ऑक्सीटोसिन को जब्त भी किया गया है। यह शेड्यूल ड्रग में शामिल हार्मोन इंजेक्शन है जिसका उपयोग इलाज के उद्देश्य से ही किया जाना चाहिए। विभाग इसको लेकर जो जरूरी कदम है वह उठाता है।
-डॉ. एसके बाजपेई,
उप संचालक पशु सेवाएँ
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