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बालाघाट(सोहन वैद्य)15 मिनट पहले
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कैंप में महावत हाथियों की रोज मालिश के बाद नहला रहे हैं।
- देश के सब से विख्यात कान्हा नेशनल पार्क में हाथियों के लिए लगा एक रेजूवेशन कैंप लोगों के बीच खूब सुर्खियां बटोर रहा है
- कैंप में बारहों महीने पार्क में पैट्रोलिंग करने वाले एक दर्जन से अधिक हाथियों को एक सप्ताह तक किसी मेहमान की तरह ट्रीट किया जा रहा है
देश के सब से विख्यात कान्हा नेशनल पार्क में हाथियों के लिए लगा एक रेजूवेशन कैंप लोगों के बीच खूब सुर्खियां बटोर रहा है। इस कैंप में बारहों महीने पार्क में पैट्रोलिंग करने वाले एक दर्जन से अधिक हाथियों को एक सप्ताह तक किसी मेहमान की तरह ट्रीट किया जा रहा है। यह वन विभाग के अधिकारी खुद हाथियों की सेवा में लगे है। दिन में दो बार हाथियों के मालिश, दिन भर मसाज और खाने में स्वादिष्ट और रसीले फलों के रस दिए जा रहे। इस शाही खातिरदारी से गजराज भी मस्ती में मस्त दिख रहे हैं।
वन विभाग के अधिकारी किसी मेहमान की अगवानी की तैयारी नहीं कर रहे हैं बल्कि ये देश की सब से विख्यात वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में साल भर सेवा देने वाले हाथियों की खातिरदारी की तैयारी कर रहे हैं। यहा हाथियों के लिए गुड़ रोटी से लेकर कई तरह के फलों के इंतजाम किए गए है। हाथी को स्वादिष्ट व्यंजन देने के पहले उन्हें नहलाया जाता है वन अमला उनकी मालिश भी करता है। यह सब साल में एक बार लगने वाले रिजुवेशन कैंप के दौरान होता है। जिसका उद्देश्य जंगलों की सेवा में तैनात गजराज को सेहत के साथ फिर सेवा के लिए तैयार करना होता है।

कैंप में हाथियों के लिए रसदार फलों की व्यवस्था की गई है।
वन अधिकारी एसएस सिद्धराम कहते हैं पूरे साल ये हाथी जंगल में सेवा देते हैं। बारिश में जब पार्क बंद हो जाता तो हम एक कैंप के जरिए इन्हें पूरा आराम देते हैं। दिन में दो बार हाथियों की मसाज के बाद उन्हें नहलाया जाता है। इसके साथ ही उन्हें पसंद आने वाला भोजन फल सब कुछ दिया जाता है ताकि हाथी जो साल भर जंगल में सुरक्षा का काम करते हैं। साल भर हाथियों के साथ जंगल में काम करने वाले महावत अब भी उनकी सेवा में लगे हैं।

वन विभाग के अधिकारी भी हाथियों की सेवा में लगे हैं।
- इन हाथियों की सेवा में लगा कान्हा का महावत गिरधारी कहता है हम यहां हाथियों को नहला रहे है। इस के बाद इनकी मालिश की जाएगी डॉक्टर आकर भी 7 दिन जांच करता है इस कैंप के बाद हमारे हाथी और भी स्वस्थ और मस्त हो जाते हैं।
- कान्हा के अधिकारी भी इस तरह के कैंप के जरिए हाथियों की सेवा कर उन्हें फिर अगले 1 साल तक वनों की सुरक्षा में तैनात करने के लिए जोश से भरने का दावा करते हैं। उधर हाथियों की पिकनिक की खबर सुन कुछ पर्यटक भी कैंप पर पहुंचे उन के लिए भी ये पल रोमांच से भरने वाले थे।
- इस मौके की गवाह बनी स्थानीय पर्यटक रश्मि वैद्य और ज्योत्स्ना कोचर बताती है कि हमें मालूम पड़ा कि यहां हाथियों का है कैंप लगा है। उनकी सेवा की जाती है। पूजा की जाती है। उन्हें अच्छा खाना खिलाया जाता है तो हम भी देखने आ गए यह सब देखना बड़ा सुखद अनुभव था।

हाथियों को देखने एवं उनकी पूजा करने जिले के लोग यहां पहुंच रहे हैं।
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