उज्जैन में कार्यकर्ता सिंधिया के नज़दीक जाना चाह रहे थे.
कांग्रेस (Congress) छोड़ने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Scindia) का ये पहला उज्जैन दौरा था. ये धार्मिक से ज़्यादा सियासी ज़्यादा लगा. वो आए तो थे महाकाल की पूजा करने लेकिन उनकी नज़र उप चुनाव पर ज़्यादा थी.
उज्जैन में ज्योतिरादित्य सिंधिया टूटी रेलिंग की चपेट में आने से बाल-बाल बचे. राणा जी की छतरी पर हादसा होते-होते बचा. राणा जी की छतरी पर सिंधिया महाकाल की पूजा करने पहुंचे थे यहां उनके नज़दीक आने के लिए कार्यकर्ता धक्का मुक्की करने लगे उसी दौरान प्रवेश करते समय रास्ते में लगी सीमेंट की रेलिंग भरभरा कर गिर पड़ी.पुलिस ने एकदम से कार्यकर्ताओं को रोका और ये देखकर खुद सिंधिया भी अवाक रह गए.
कांग्रेसियों ने काले झंडे दिखाए
कांग्रेस छोड़ दल बदल कर बीजेपी में जाने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार उज्जैन आए थे. उनके आने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए. पुलिस ने कंठल चौराहे से पर दर्जन भर से ज़्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और थाने ले गयी.भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने के बाद पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया उज्जैन आए. बाबा महाकाल की सवारी में शामिल होने के बाद वो अपने कई समर्थकों और सांसद सहित कैबिनेट मंत्री मोहन यादव के निवास पर जाकर उनसे मिले. सिंधिया के उज्जैन पहुंचने के पहले ही कांग्रेसियों ने सिंधिया के विरोध की तैयारी कर रखी थी. पूर्व सभापति आजाद यादव सहित एक दर्जन कांग्रेस नेताओं ने कंठाल चौराहे पर नारेबाजी की. मौके पर तैनात चिमनगंज और कोतवाली पुलिस ने 1 दर्जन से अधिक कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लेकर थाने पहुंचाया. साथियों की गिरफ्तारी के बाद कई कांग्रेसी नेता थाने पहुंचे.
सिंधिया ने कार्यकर्ताओं से कहा
ज्योतिरादित्य सिंधिया बाद में पार्टी कार्यकर्ताओं और अपने समर्थकों से मिले. उन्होंने कहा-में ये विश्वास आपको दिलाता हूं कि आप लोगों के साथ मिलकर मैंने अपने आप को भाजपा के एक-एक कार्यकर्ता के सुपुर्द कर दिया है.भाजपा का झंडा बुलंद करने के लिए जी जान लगाने के लिए तैयार हूं.नरेंद्र मोदी,अमित शाह ने जो सदस्यता मुझे दिलाई उसके आधार पर भारतीय जनता पार्टी के लिए आप लोगों के लिए और भारत मां के लिए अपना संपूर्ण जीवन आप के हवाले करता हूं.