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- Chambal Progress Way: 40 Out Of 300 Farmers Of Premsar Agreed To Take Another Land, The Rest Said Give Us Compensation Only
श्योपुरएक दिन पहले
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- जमीन के बदले जमीन देने के साथ ही उसे समतल करने, डीपी रखने और बोर खनन के लिए भी देंगे राशि
चंबल प्रोग्रेस-वे को लेकर प्रशासन की ओर से जमीन अधिग्रहण के लिए लिखित में किसानों से सहमति पत्र लिए जा रहे है। लेकिन इसमें प्रेमसर ब्लॉक के किसान शासन की गाइडलाइन से सहमत नहीं है। उन्हें जमीन के बदले जमीन नहीं बल्कि, मुआवजा चाहिए। जबकि शासन की गाइडलाइन जमीन के बदले जमीन देने की ही है। इसे लेकर अब पटवारियों व तहसीलदार की फजीहत हो रही है। कोटा से भिंड तक जाने वाले चंबल प्रोग्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तहसील स्तर पर शुरु कर दी गई है। इसमें पटवारी गांव-गांव जाकर उन किसानों से सहमति पत्र ले रहे है, जिनकी जमीन अधिग्रहित की जाएगी।
इसमें मानपुर के 356 किसानों में से करीब 151 और प्रेमसर मंडल के 300 में सिर्फ 40 के ही सहमति पत्र आए है। यहां प्रेमसर मंडल के जलालपुरा, झोपड़ियां, अड़वाड़, खेड़ली, पानड़ी, चकआसन, जालेरा, गोहेड़ा, बिट्ठलपुर, ज्वाड़, पहाड़ली, सोंठवा गांवों के किसान जमीन के बदले शासन की योजना के तहत दूसरी जमीन लेने को तैयार नहीं है। इसे लेकर उक्त गांवों के किसानों ने पड़ासला स्थित हनुमान मंदिर पर बैठक की। इसमें फैसला लिया कि वह जमीन के बदले जमीन नहीं लेंगे और 21 अगस्त को सामरसा स्थित खेड़ापति हनुमान मंदिर पर बैठक करेंगे।
शासन जमीन के साथ देगा डीपी, बोर खनन व समतलीकरण के लिए राशि
तहसीलदार राघवेंद्र कुशवाह ने बताया कि वर्तमान में किसानों से जमीन अधिग्रहण के लिए सहमति पत्र लिए जा रहे है। इसमें प्रेमसर क्षेत्र के किसान ही तैयार नहींं है। इसे लेकर हम शासन स्तर पर अपनी रिपोर्ट भेजेंगे बाकी इस पर फैसला शासन ही लेगा। जमीन अधिग्रहण में जमीन के बदले जमीन देने के साथ ही जमीन को समतल करने, बोर खनन व डीपी रखने के लिए भी किसानों को राशि दी जाएगी।
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