Dust Free Indore, initiative to eliminate dust from 5 wards; When the rest of the city gets involved in waste management, Indore will make composting waste from house to house, dust free. | डस्ट फ्री इंदौर, 5 वार्ड से धूल-मिट्‌टी तक खत्म करने की पहल; जब बाकी शहर वेस्ट मैनेजमेंट में जुटे तो इंदौर घर-घर कम्पोस्टिंग बिन लगा कचरे की खाद बनाएगा, डस्ट फ्री होगा

Dust Free Indore, initiative to eliminate dust from 5 wards; When the rest of the city gets involved in waste management, Indore will make composting waste from house to house, dust free. | डस्ट फ्री इंदौर, 5 वार्ड से धूल-मिट्‌टी तक खत्म करने की पहल; जब बाकी शहर वेस्ट मैनेजमेंट में जुटे तो इंदौर घर-घर कम्पोस्टिंग बिन लगा कचरे की खाद बनाएगा, डस्ट फ्री होगा


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इंदौर24 मिनट पहले

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इंदौर लगातार चौथी बार नंबर वन आने के बाद शहर में उल्लास मनाने निकल पड़े लोग इसी प्रकार नगर निगम कर्मचारी और सफाई कर्मी भी जश्न में डूबे ढोल की थाप पर नृत्य एक दूसरे को बधाई नारे के साथ पूरे परिसर में घूमे और मिठाई बाटी सफाई कामगार के अध्यक्ष लीलाधर करोसिया राजेश करोसिया प्रताप करोसिया बाबूलाल सिरसिया सहित अन्य लोग मौजूद थे ।

  • लोग घरों में ही गीला कचरा उसमें डाल सकेंगे
  • 45 से 60 दिन में वह खाद बन जाएगा

जीरो वेस्ट-जीरो डस्ट वार्ड का काॅन्सेप्ट बहुत चुनौतीपूर्ण है। पांच वार्ड 4, 32, 47, 66 और 73 को जीरो वेस्ट बनाने के लिए एनजीओ के प्रतिनिधि घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे। घर में ही कम्पोस्टिंग बिन लगाने के लिए प्रेरित करेंगे। एक कम्पोस्टिंग डस्टबिन 700 से 2100 रुपए तक में आता है। लोग घरों में ही गीला कचरा उसमें डाल सकेंगे। 45 से 60 दिन में वह खाद बन जाएगा। घर में कम्पोस्टिंग बिन लगने के बाद कचरा निकलना बिलकुल बंद हो जाएगा। एनजीओ की टीम लोगों के घरों से सिर्फ सूखा कचरा ही लेगी। इसके सेग्रीगेशन के लिए वार्ड स्तर पर ही ड्राय वेस्ट सेंटर बनाया जाएगा। यहां पर कबाड़ में बिकने वाली सभी चीजों को अलग कर दिया जाएगा। सिर्फ बची हुई धूल या छोटे पाउच जिन्हें रिसाइकिल नहीं किया जा सकता, सिर्फ वही देवगुराड़िया में लैंड फिलिंग के लिए भेजे जाएंगे।

मैं इंदौर का नागरिक, बार-बार नंबर 1 बनने पर मुझे जो हासिल हुआ वह यह…
तमगा

देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का तमगा। कहीं जाते हैं तो शुरुआत इसी से होती कि आप सबसे स्वच्छ शहर से आए हैं।
सहयोग
कोबाल्ट तकनीक से देश में पहली बार स्लज से खाद बनाने का प्रोजेक्ट इंदौर के लिए मंजूर हुआ।
ख्याति
चार साल में 70 देशों और 650 से ज्यादा शहरों ने हमारी सफाई के मॉडल काे देखा, सराहा और अपनाया भी।
ब्रांडिंग
हम इस ब्रांड इमेज के कारण एनएसई से बांड जारी करने वाले शहर बने, 200 करोड़ का बांड जारी हुआ।
फंड
स्वच्छ भारत मिशन से 125 करोड़ से ज्यादा इन चार सालों में मिला। अभी 100 करोड़ रुपए और मिलना बाकी है।

रिकॉर्ड
देश की ऐसी पहली परिषद, जिसने पांच साल के कार्यकाल में चार बार लगातार नंबर-1 आने का रिकॉर्ड बनाया।

सफाई मॉडल देखने के 7 हजार
सफाई का मॉडल दिखाने का चार्ज लेने वाला देश का पहला शहर। नगर निगम एक व्यक्ति को अपना मॉडल दिखाने का 7 हजार रु चार्ज लेता है।

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