ग्वालियर में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सिंधिया.
ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की माने तो उन्हें अंदाजा हो गया था कि 15 महीने के अंदर ही कमलनाथ की सरकार का बंटाधार होने वाला है और ऐसा हुआ भी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को ग्वालियर में अपने संबोधन में कहा कि साल 2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मुझे उप मुख्यमंत्री का पद देने का प्रस्ताव किया था. लेकिन जनता की भलाई के लिए मैंने इसे ठुकरा दिया था. सिंधिया की माने तो उन्हें अंदाजा हो गया था कि 15 महीने के अंदर ही कमलनाथ की सरकार का बंटाधार होने वाला है और ऐसा हुआ भी.
#WATCH I’m a public servant & not servant of the chair. If I had been a servant of the chair, I would have accepted proposal of deputy CM. But I knew what people sitting in govt would do to the state&I didn’t want to be a part of them: Jyotiraditya Scindia, BJP in Gwalior (23.08) pic.twitter.com/Jl7yskPR0Y
— ANI (@ANI) August 24, 2020
बीजेपी का फोकस ग्वालियर चंबल की 16 सीटों पर है
दरअसल, मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले बीजेपी का फोकस ग्वालियर चंबल की 16 सीटों पर है. ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर सीएम शिवराज को पार्टी के तमाम बड़े नेता ग्वालियर में डेरा डालकर 3 दिन तक पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने और उप चुनाव की तैयारियों पर फोकस कर रहे हैं. इसी बीच बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये बातें कहीं.
इस कार्यक्रम पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं
वहीं, रविवार को ग्वालियर में आयोजित हुए इस कार्यक्रम पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने सवाल पूछा है कि जब प्रदेश में रविवार को टोटल लॉकडाउन है तो वैसे में बीजेपी के आयोजन को ग्वालियर में किस आधार पर अनुमति दी गई है. यह जनता को बताना चाहिए. कांग्रेस ने कहा है कि यह चिंता का विषय है प्रदेश में जब कोरोना संक्रमण का आंकड़ा हर दिन बढ़ रहा है तो ऐसे में सरकार के रविवार को लॉकडाउन करने के आदेश के विरुद्ध बीजेपी का ग्वालियर में जमावड़ा करना कोविड-19 को लेकर जारी गाइडलाइन का उल्लंघन है.