इनके कब्ज़े से कुल 537 एक्टिवेटड सिम ज़ब्त हुई हैं.
आरोपी सिम (SIM) बनाकर ठग गिरोह को बेच देते थे और फिर ठग आम लोगों को केवाईसी (KYC) अपडेट करने के नाम पर ठगते थे.
भोपाल साइबर सेल पुलिस को कुछ दिन पहले शिकायत मिली थी . उसमें कहा गया था कि उनके साथ ₹80,000 का फ्रॉड हुआ है. उसके बाद पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश में थी. पुलिस ने ग्वालियर और अन्य स्थानों से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. ये आरोपी ऐप के ज़रिए फर्जी आइडेंटिटी कार्ड बनाते थे. उससे सिम खरीदते थे. इनके पास से पुलिस ने फर्जी आईडेंटिटी की लगभग 600 सिम बरामद की हैं. आरोपी सिम बनाकर ठग गिरोह को बेच देते थे और फिर ठग आम लोगों को केवाईसी अपडेट करने के नाम पर ठगते थे.
एक बार में दो सिम जारी
एडिशनल एसपी संदेश जैन ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में से एक रिटेलर है जो सिम देने से पहले ग्राहकों से एक ही समय में पेपर्स पर दो बार अंगूठा लगवाकर दो सिम एक्टिवेट कर देता था. उसमें से एक सिम ग्राहक को दे देता था और दूसरी सिम अपने पास रख लेता था. दूसरी पर अगले ग्राहक के आधार कार्ड और अंगूठा का उपयोग कर एयरटेल मनी अकाउंट एक्टीवेट करवा कर दूसरे आरोपी कौशल सिंह को बेच देता था.*वारदात का तरीका-*
गिरफ्तार आरोपी फर्जी सिम दिल्ली और अन्य राज्यों में सायबर क्राइम करने वाले लोगों तक पहुंचाते थे. हर फर्जी सिम और फर्जी मनी अकाउंट के बदले इन्हें 500/ रुपए मिलते थे. आरोपियों ने व्हाट्सएप ग्रुप (फ्रॉड केवाइसी, फ्रॉड मनी, फ्रॉड एयरटेल मनी) बना रखे थे. इन ग्रुपों के माध्यम से वो अन्य राज्यों के सायबर क्राइम से जुड़े अपराधियों के सम्पर्क में रहते थे. जिन अपराधियों को फर्जी आई.डी. या केवाईसी/सिम/वॉलेट की आवश्यकता होती थी उन्हें ये सप्लाई करते थे. फेक आई.डी. मेकर एप्लीकेशन के ज़रिए ये अपनी फोटो का उपयोग कर फर्जी आधार और वोटर कार्ड बनाकर उस पर फर्जी सिम तैयार कर सिम एक्टिवेट कर लेते थे.आरोपी टेलिकॉम कंपनी के वेरिफिकेशन सर्विस का उपयोग कर सिम एक्टिवेट कर बेच देते थे. ये इतने शातिर हैं कि खुद की फोटो का उपयोग कर सैकड़ों सिम बेच चुके थे. इनके कब्ज़े से कुल 537 एक्टिवेटड सिम ज़ब्त हुई हैं.
फेक सिम का ज़खीरा
आरोपियों से 800 फर्जी वोटर आईडी कार्ड , 125 फर्जी आधार कार्ड , 800 इस्तेमाल सिम, 1 प्रिंटर , 12 मोबाइल फोन, 01 बीसी मशीन, 8 पेटीएम किट मिले हैं.