अजय विश्नोई ने कहा-कारणों को लेकर नाराजगी व्यक्त की है, समय के साथ उसका समाधान हो जाएगा.
उपचुनाव से पहले बीजेपी (BJP) में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. सिंधिया के दलबदल कर बीजेपी में आने से सरकार तो बन गयी लेकिन पार्टी के कद्दावर नेता पीछे छूट गए. सिंधिया (Scindia) अपने साथ नेताओं और कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज लेकर आए. उन्हें एडजेस्ट करने के लिए बीजेपी ने अपने नेताओं को दरकिनार कर दिया. यही कारण है कि बीजेपी के अंदर अब असंतोष फूट रहा है.
लगता है उपचुनाव से पहले बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. सिंधिया के दलबदल कर बीजेपी में आने से सरकार तो बन गयी लेकिन पार्टी के कद्दावर नेता पीछे छूट गए. सिंधिया अपने साथ नेताओं और कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज लेकर आए. उन्हें एडजेस्ट करने के लिए बीजेपी ने अपने नेताओं को दरकिनार कर दिया. यही कारण है कि बीजेपी के अंदर अब असंतोष फूट रहा है. नया मामला विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के लिए है. इसके नाम को लेकर घमासान तेज हो गया है. इस मामले में पूर्व मंत्री और विधायक अजय विश्नोई की नाराजगी सामने आई है. उन्होंने बीजेपी कार्यालय पहुंचकर बीडी शर्मा से मुलाकात की.
महाकौशल-विंध्य से नेतृत्व की वकालत
जबलपुर संभाग से आने वाले विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई की नाराजगी लगातार खुलकर सामने आ रही है. मंत्रिमंडल में जबलपुर को नजरअंदाज करने पर वो शुरू से नाराज़ चल रहे हैं. अब विंध्य से पार्टी नेताओं को नेतृत्व नहीं मिलने पर वो नाराज हैं. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष महाकौशल या विंध्य क्षेत्र से बनाने की मांग की है. वी डी शर्मा से मुलाकात
पूर्व मंत्री और विधायक अजय विश्नोई ने आज बीजेपी मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा से मुलाकात की. बाद में मीडिया से कहा- वीडी शर्मा संगठन के मुखिया हैं और यह मुख्यालय संगठन का मंदिर है. शर्मा से मेरी संगठन को लेकर चर्चा हुई है. 27 विधान सभा क्षेत्रों में उपचुनाव हैं. मेरी क्या भूमिका हो सकती है इस पर भी चर्चा हुई. उन्होंने आगे कहा- पार्टी जो निर्देश देगी उसका पालन करूंगा।
नाराजगी पर बोले विश्नोई
अजय विश्नोई ने कहा-नाराज़गी का अपना अलग कारण है. नाराजगी की अभिव्यक्ति भी मैंने अपने हिसाब से की है.लेकिन कभी पार्टी के दायरे से बाहर जाकर नाराजगी व्यक्त नहीं की है. मैंने अपने लहजे में ही बात की है जिसे सहज रूप से स्वीकार भी किया गया है.महाकौशल, विंध्य को मौका नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि उपेक्षा की भरपाई करने के और भी तरीके हैं. संगठन इस पर विचार कर रहा है.जिन कारणों को लेकर नाराजगी व्यक्त की है, समय के साथ उसका समाधान हो जाएगा. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष उपाध्यक्ष की दौड़ से खुद को बाहर बताया.
कांग्रेस ने उठाई मांग
मध्य प्रदेश विधानसभा फिलहाल प्रोटेम स्पीकर के भरोसे चल रही है. कांग्रेस आरोप लगा रही है कि विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नहीं बनाए जाने के कारण कई समितियों गठन नहीं हो पा रहा है. कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नहीं बनाए जाने से कई काम प्रभावित हो रहे हैं. सरकार को जल्द ही इस पर निर्णय लेना चाहिए. समितियों का गठन भी इसी वजह से नहीं हो पा रहा है.